सरकार की ओर से दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को त्वरित अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 सेवा शुरू की गई थी। इस बीच करीब डेढ साल पहले 108 एम्बुलेन्स का वाहन नकारा हो गया। 108 सेवाओं के लिए राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल की एम्बुलेन्स को प्रयोग में लिया जाने लगा। लेकिन इस एम्बुलेन्स में दुर्घटना में घायल हुए मरीजों की चिकित्सा में प्रयोग आने वाले उपकरणों की कमी है। इस एम्बुलेन्स में सक्शन पम्प नहीं है। यह पम्प दुर्घटना में घायल हुए मरीजों नलिका में खून जमा होने पर निकालने का काम करता है। यदि समय पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो तो उसकी जान भी जा सकती है। वहीं ऑक्सीजन सिलेण्डर भी काफी छोटा है। यह सिलेण्डर जल्दी खत्म हो जाता है। जबकि 108 एम्बुलेन्स मेें सिलेण्डर बड़ा होता है। ताकि आवश्यकता के समय घायल को दूर तक ले जाया जा सके। इस बीच सरकार की ओर से 104 सेवा शुरू कर दी गई। लेकिन किशनगढ़ में इसके लिए अलग से एम्बुलेन्स उपलब्ध नहीं होने के कारण 10८ के लिए उपलब्ध एम्बुलेन्स से ही प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। एम्बुलेन्स प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने, वापस घर छोडऩे सहित बच्चे की जांच कराने, टीका लगाने के लिए अस्पताल लाने सहित 104 में उपलब्ध सभी सेवाएं इस एम्बुलेन्स से उपलब्ध कराई जा रही है। -चालक की सीट क्षतिग्रस्त, सुविधा भी कम -वर्तमान में जो एम्बुलेन्स उपलब्ध में उसकी हालात दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। एम्बुलेन्स में चालक की सीट फटी हुई है। वहीं टायर भी घिस गए है। -कुछ दिन बिना एम्बुलेन्स भी रहा- कुछ दिन पहले एम्बुलेन्स खराब हो गई थी। एम्बुलेन्स को ठीक होने के लिए वर्कशॉप में भिजवाया गया। इस दौरान कुछ दिन तो एम्बुलेन्स नहीं रही। बाद में पीसांगन से एम्बुलेन्स मंगवाई गई।
इनका कहना है किशनगढ़ हाइवे पर स्थित है। यहां घायलों और महिलाओं के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता है। इसको देखते हुए एम्बुलेंस के मामले में विधानसभा में सवाल उठाया जाएगा।
सुरेश टांक, विधायक, किशनगढ़
सुरेश टांक, विधायक, किशनगढ़