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किसानों को नहीं मिला उपज का पैसा

locationकिशनगढ़Published: Jun 08, 2019 12:34:32 pm

Submitted by:

kali charan

किसानों को 4 करोड़ के भुगतान का इंतजारसमर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद मामला540 काश्तकारों से हुई समर्थन मूल्य पर खरीद

Farmers did not get the yield money

किसानों को नहीं मिला उपज का पैसा

मदनगंज-किशनगढ़. सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर काश्तकारों से चना और सरसों की खरीद होने के बावजूद अब काश्तकारों को भुगतान का इंतजार है। 520 काश्तकारों का करीब 4 करोड़ का भुगतान अटका हुआ है। इसके कारण काश्तकार समिति कार्यालय के चक्कर लगा रहे है।
सरकार ने राजफैड के माध्यम से क्रय विक्रय सहकारी समिति की ओर से समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद एक अप्रेल से प्रारंभ की। सरसों का समर्थन मूल्य 4200 रुपए और चना का 4620 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए गए। रजिस्ट्रेशन के बाद राजफैड की ओर से प्रतिदिन टोकन जारी किए गए। काश्तकारों से चना और सरसों की खरीद भी की, लेकिन काश्तकारों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ। काश्तकारों को 3 मई तक की खरीद का भुगतान करीब एक करोड़ रुपए का हुआ है। भुगतान नहीं होने के कारण काश्तकारों को परेशानी हो रही है। वह समिति कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है।
520 काश्तकारों को भुगतान अटका
जानकारों के अनुसार समर्थन मूल्य पर 1400 काश्तकारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें से 540 काश्तकारों से चना और सरसों की खरीद हुई। 4 करोड 92 लाख 620 रुपए की खरीद हुई। इसमें से मात्र एक करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। वर्तमान में करीब 3 करोड़ 92 लाख 620 रुपए का भुगतान अटका हुआ है।
खरीद केन्द्र पर पसरा सन्नाटा
जयुपर रोड स्थित कृषि उपज मंडी के क्रय विक्रय सहकारी समिति की दुकान पर समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद की जा रही है। राजफैड की ओर से टोकन जारी करने पर ही काश्तकार अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचता है, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से एक भी काश्तकार अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचा। इसके कारण खरीद केन्द्र पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है।
860 काश्तकारों ने नहीं दिखाई रूचि
समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए करीब 1400 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया।इसमें से 540 ने ही बिक्री की। ऐसे में 860 काश्तकारों ने बिक्री में रूचि नहीं दिखाई। इसका मु?य कारण रहा कि मंडी में काश्तकारों को चना और सरसों के अच्छे भाव मिले और भुगतान भी नकद होना माना जा रहा है।
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