कोविड-19 के तहत 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और फिर 70 दिन के लॉकडाउन के समय से अब तक लगातार किशनगढ़ परिक्षेत्र में भी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ी ही है। लॉकडाउन की 70 दिन की अवधि में गली गली और मोहल्लों तक लोगों को जागरुकता के लिए अलग अलग तरह की गतिविधियां की। इस वजह से लगभग सभी नागरिक जागरुक भी हुए। नागरिकों ने सरकार की एडवायरी का अनुसरण भी किया। जिम्मेदार नागरिकों ने अनलॉक 1.0 के बाद भी इसका अनुसरण जारी रखा है। लेकिन इनमें से अब कुछ नागरिक कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है। सोशल डिस्टेंसिंग के निमयों के तहत दो गज की दूरी के फासले को तो नागरिकों ने भुला ही दिया। मुंह पर मास्क की अनिवार्यता के नियमों की पालना भी कुछेक तक ही सीमित रह चुका है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बचे रहना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में सभी को जागरूक होकर खुद भी नियमों की पालना करनी होगी और दूसरे को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना होगा। ताकि सभी नागरिक और हर घर इस संक्रमण से बच सके और सुरक्षित रह सके।
जिम्मेदार ही भूलने लगे कायदे दुपहिया वाहनों या फिर राह चलते कई बार बड़े व्यक्तियों के खुद के मुंह पर तो मास्क बंधे नजर आते है। लेकिन उनके साथ छोटे बच्चों के मुंह पर मास्क बंधे नहीं होते। ऐसे लोग अपने बच्चों की सेहत को खतरे में डाल रहे है। बड़ों को घर से निकलने से पहले खुद के साथ यदि बच्चा है तो उसके मुंह पर भी मास्क बांधना होगा, ताकि वह भी सुरक्षित रहे सके।