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मन अच्छा, तो जीवन अच्छा

locationकिशनगढ़Published: Jul 23, 2019 09:06:32 pm

Submitted by:

kali charan

संत गौरवदास ने कथा में कहीं बात

Good mind, life is good

मन अच्छा, तो जीवन अच्छा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. संत गौरवदास ने आजाद नगर स्थित कबीर आश्रम में चल रही चातुर्मास कथा में कहा कि व्यक्ति का मन उसके सबसे निकट का दोस्त होता है जो हरेक वक्त उसके साथ रहता है। कोई व्यक्ति पति-पत्नी, माता-पिता, बच्चे, धन, सम्पत्ति, मकान, दुकान और सामान छोड़कर कहीं जा सकता है, लेकिन अपने मन को छोड़कर कहीं नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि मन व्यक्ति के साथ छाया की तरह चलता रहता है। साधना करके मन मरता नहीं बल्कि साधना से कुमन सुमन बन जाता है। जागृत, स्वप्न, सुसुप्ति तीनों अवस्थाओ में मन चलता रहता है। व्यक्ति जीवन की प्रत्येक क्रिया कलाप से मन निर्माण होता है। सब प्रकार के संस्कार जहां संग्रहित होते हैं उसी का नाम मन है। मन में अच्छे संस्कारों की पूंजी एकत्र होती है और मन सुख का स्रोत बन जाता है, यदि कुसंस्कारों का बंडल तैयार हुआ तो मन कांटों का बिस्तर बन जाता है। जिस व्यक्ति मन अच्छा, उसका जीवन अच्छा जिसका मन खराब उसका जीवन खराब। कथा वाचक ने कहा कि मन का संतुलन ही जीवन का संतुलन है। मन प्रसन्न रहने पर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता है और जब मन बोझिल एवं उलझा रहता है तो सामान्य समस्या भी पहाडऩुमा बन जाती है। संत गौरव दास ने कहा कि मन को सदैव ईश्वर की भक्ति में लगाना चाहिए, इससे मन को शांति मिलेगी साथ ही परिवार में भी खुशहाली बनेगी। व्यक्ति को मन को अच्छे कार्यों और धार्मिक कार्यों में लगाना चाहिए, इससे व्यक्ति के जीवन में अच्छी बातें और संस्कार आते है। व्यक्ति का मन जन्म से मैला नहीं होता, बल्कि व्यक्ति के कर्मों से मैला और अच्छा बनता है।
इस मौके पर कबीर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष बोदूराम कुमावत, उपाध्यक्ष राधेश्याम सैनी, महामंत्री कन्हैयालाल कुमावत, सचिव रामस्वरुप शर्मा, संगठन मं़त्री नाथूलाल कुमावत, प्रचार मंत्री किशनलाल एवं सद्गुरु कबीर महिला मंडल की सदस्य भी मौजूद रही। महिला मंडल की उपाध्यक्ष प्रेमदेवी ने बताया कि यह चातुर्मास कथा पाठ प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक होता है।
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