नगर के रूपनगढ़ रोड स्थित पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर हमीर सागर तालाब के किनारे पर जगह-जगह बजरी के ढेर लगे हैं। न्यायालय ने बजरी के खनन करने और परिवहन पर रोक लगाई थी। इस दौरान यहां से नगर में बजरी की सप्लाई होती रही। यहां पर जगह-जगह बजरी के ढेर लगे हैं, लेकिन पुलिस और खनन विभाग की इस पर आजतक नजर नहीं पड़ी। जानकारों की मानें तो यहां पर रूपनगढ़ क्षेत्र में खनन होकर आने वाली अवैध बजरी यहां पहुंचती है। रात्रि के समय डम्पर और ट्रेलर यहां पर खाली होती है। इसके बाद यहां से नगर में जगह-जगह बजरी की सप्लाई होती है। यह सप्लाई की अल सुबह या देर रात्रि को टे्रक्टरों को ढककर की जाती है।
चांदी कूट रहे खनन और परिवहन कर्ता
किशनगढ़ सहित आस-पास के क्षेत्रों में बजरी की सप्लाई होती है। जानकारों की मानें तो पहले डम्पर 5 से 7 हजार रुपए का आता था। अब इसकी कीमत 20 हजार तक पहुंच गई है। यह तो किशनगढ़ या इसके आस-पास की सप्लाई की बात है। रूपनगढ़ क्षेत्र से अजमेर या जयपुर जाने पर ड?पर की कीमत 30 से 35 हजार तक पहुंच जाती है।
ड?पर और ट्रेलर को ढ़ककर करते है परिवहन
गांधी नगर थाना पुलिस ने साल के शुरुआत में अजमेर-जयपुर हाईवे स्थित मकराना चौराहे से कई डम्पर और ट्रेलर बजरी से भरे पकड़े थे। ट्रेलर को ढककर बजरी का परिवहन किया जाता था, जिससे किसी को इसकी भनक तक नहीं लग सके। पुलिस की कार्रवाई से अवैध परिवहन पर लगाम लगी थी।