नाम किसी का, पता किसी और का आवेदनों की जांच में पाया कीकई फोटो ऐसे है। जो बार-बार आवेदनों के साथ आ रहे है। वहीं कई पहचान पत्र भी ऐसे पाए गए जो समान रहे। कई कागजातों में नाम किसी और पता किसी और का होने की बात सामने आई। उपायुक्त महेश बी मीना ने भौतिक जांच भी कराई। निरीक्षकों ने आवेदन में बताए पते पर जाकर जांच की तो वहां कोई मिला ही नहीं। विभाग ने संदिग्ध करीब सौ से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट कर दिए।
स्कैन करके तैयार किए दस्तावेज
शातिरों ने बिजली, पानी के बिल सहित दस्तावेज स्कैन करके उनपर नाम बदल दिया। वहीं फोटो पहचान पत्रों में भी ऐसा ही किया। आवेदन पत्रों में कई मामले ऐसे है। जिनमें व्यक्ति को तो किशनगढ़ में दर्शाया गया है। लेकिन उसके कागजातों पर नोटेरी गुडग़ांव सहित अन्य प्रदेशों की है।
मिल जाता नंबर तो लगती लाखों की चपत बोगस फर्मे तैयार कर सरकार को लाखों के राजस्व की चपत लगाई जा रही है। बोगस फर्मे तैयार करके शातिर उनमें जल्दी-जल्दी लाखों की बिलिंग कर देते है। ऐेसे में यदि किशनगढ़ कार्यालय की ओर से ऐसे आवेदकों को नंबर जारी कर दिए जाते तो सरकार को लाखों की चपत लग सकती थी।-
इनका कहना है
हमने बोगस रजिस्ट्रेशन को पहले ही चरण में रोक रहे है। संशय वाले आवेदनों पर क्वेरी जनरेट करते है। उनकी भौतिक जांच भी की जाती है। ताकि सरकार को राजस्व की हानि नहीं हो। वहीं जो फर्में सही है। उन्हें भी व्यापार करने में आसानी रहे। सीजीएसटी में भी संदिग्ध फर्मों की जानकारी देंगे।
महेश बी मीना, उपायुक्त वाणिज्य कर किशनगढ़