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GST Registration पता किशनगढ़ का नोटेरी गुडग़ांव की आवेदन मनोहरपुरा से

locationकिशनगढ़Published: Feb 19, 2020 06:05:46 pm

Submitted by:

Amit

जीएसटी नंबर लेने में खुला बोगस फर्म बनाने का खेल
वाणिज्य कर विभाग की सतर्कता से नहीं बन रहा शातिरों का काम

gst registration people present fake documents to register bogus firms

GST Registration पता किशनगढ़ का नोटेरी गुडग़ांव की आवेदन मनोहरपुरा से

अमित काकड़ा
मदनगंज-किशनगढ़.
क्षेत्र में ऑनलाइन जीएसटी नंबर लेने के लिए बोगस फर्मे बनाकर आवेदन किए जा रहे है। बीते एक पखवाड़े में ऐसे करीब सौ से ज्यादा मामले सामने आए है। जिनमें गलत जानकारी देकर जीएसटी नंबर के लिए आवेदन किया गया है।
जीएसटी नंबर लेने के लिए बोगस फर्में तैयार करने की सूचनाएं आ रही थी। इसके चलते उपायुक्त महेश बी मीना ने जीएसटी आवेदनों की पुख्ता जांच के बाद ही स्वीकृति देने को कहा। इस दौरान कई आवेदनों पर समान फोटो पाए गए। वहीं कई आवेदनों में पता समान रहा। मोबाइल नंबर और ईमेल भी समान मिले। ऐसे आवेदनों की विस्तार से जांच की गई। जांच करने पर जिन लोगों के नाम से आवेदन किया गया। उनका मौके पर वजूद ही नहीं मिला।
नाम किसी का, पता किसी और का

आवेदनों की जांच में पाया कीकई फोटो ऐसे है। जो बार-बार आवेदनों के साथ आ रहे है। वहीं कई पहचान पत्र भी ऐसे पाए गए जो समान रहे। कई कागजातों में नाम किसी और पता किसी और का होने की बात सामने आई। उपायुक्त महेश बी मीना ने भौतिक जांच भी कराई। निरीक्षकों ने आवेदन में बताए पते पर जाकर जांच की तो वहां कोई मिला ही नहीं। विभाग ने संदिग्ध करीब सौ से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट कर दिए।
स्कैन करके तैयार किए दस्तावेज
शातिरों ने बिजली, पानी के बिल सहित दस्तावेज स्कैन करके उनपर नाम बदल दिया। वहीं फोटो पहचान पत्रों में भी ऐसा ही किया। आवेदन पत्रों में कई मामले ऐसे है। जिनमें व्यक्ति को तो किशनगढ़ में दर्शाया गया है। लेकिन उसके कागजातों पर नोटेरी गुडग़ांव सहित अन्य प्रदेशों की है।
मिल जाता नंबर तो लगती लाखों की चपत

बोगस फर्मे तैयार कर सरकार को लाखों के राजस्व की चपत लगाई जा रही है। बोगस फर्मे तैयार करके शातिर उनमें जल्दी-जल्दी लाखों की बिलिंग कर देते है। ऐेसे में यदि किशनगढ़ कार्यालय की ओर से ऐसे आवेदकों को नंबर जारी कर दिए जाते तो सरकार को लाखों की चपत लग सकती थी।-
इनका कहना है
हमने बोगस रजिस्ट्रेशन को पहले ही चरण में रोक रहे है। संशय वाले आवेदनों पर क्वेरी जनरेट करते है। उनकी भौतिक जांच भी की जाती है। ताकि सरकार को राजस्व की हानि नहीं हो। वहीं जो फर्में सही है। उन्हें भी व्यापार करने में आसानी रहे। सीजीएसटी में भी संदिग्ध फर्मों की जानकारी देंगे।
महेश बी मीना, उपायुक्त वाणिज्य कर किशनगढ़
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