अब देना होगा जीएसटीएन नंबर
किशनगढ़Published: Jun 03, 2019 10:55:19 am
श्रमिकों को दिए जाने वाले नियोजन प्रमाण पत्र के लिए श्रम विभाग ने की अनिवार्यता
अब देना होगा जीएसटीएन नंबर
मदनगंज-किशनगढ़. श्रम विभाग की योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को नियोजन प्रमाण पत्र देना आसान नहीं रहेगा। श्रम विभाग ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई अन्य नियम भी लागू कर दिए है। इससे कोई अन्य श्रमिक बनकर श्रमिक कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेगा।
श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिक को किसी भी फर्म या निर्माणकर्ता व्यक्ति से नियोजन प्रमाण पत्र लेना होता है। इस नियोजन प्रमाण पत्र में निर्माणकर्ता श्रमिक को श्रमिक होने का प्रमाण पत्र देता है। इस प्रमाण पत्र के आधार पर श्रमिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदन करता है। पिछले कई समय से अपात्र लोग भी इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने लग गए। इस समस्या का समाधान करने के लिए श्रम विभाग ने नियोजन प्रमाण पत्र जारी करने में कई अन्य शर्ते जोड़ दी है। श्रम विभाग ने इसका प्रारूप बदल दिया है।
निर्माणकर्ता फर्म या व्यक्तिगत रूप से श्रमिकों को जारी किए जाने नियोजन प्रमाण पत्र मेें अब टिन नंबर, पैन नंबर या जीएसटीएन नंबर में एक देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही निर्माणकर्ता को निर्माण प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी देनी होगी और अनुमानित लागत भी बतानी होगी। इसके साथ ही आधार नंबर और अन्य विवरण भी इस नियोजन प्रमाण पत्र में देना होगा। श्रम उपकर जमा कराने की जानकारी देनी होगी। वहीं नरेगा श्रमिक को कम से कम 90 दिन कार्य के प्रमाण पत्र के रूप में जॉब कार्ड की कॉपी देनी होगी।
श्रम विभाग की ओर से नियोजन प्रमाण पत्र के प्रारूप में बदलाव किए जाने से वास्तविक श्रमिकों को लाभ मिलेगा। इससे अपात्र व्यक्तियों की घुसपैठ रूकेगी और श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का जल्द लाभ मिल सकेगा।
इनका कहना है-
श्रम नियोजन प्रमाण पत्र जारी करने वाले को अब टिन नंबर, पैन नंबर या जीएसटीएन नंबर देना होगा। इसके साथ ही प्रोजेक्ट का विवरण भी देना होगा।
-विश्वेश्वर चौधरी, श्रम निरीक्षक, किशनगढ़।