किशनगढ़

चेते नहीं तो होंगे संकटपूर्ण हालात

पेड़ और पहाड़ होते गायब, बढ़ा तापमानअंधाधुंध पेड़ों और पहाड़ों की कटाई से बिगड़ता जा रहा पर्यावरण संतुलन, गर्मी तोड़ रही रिकार्ड, विश्व पर्यावरण

किशनगढ़Jun 05, 2019 / 11:05 am

kali charan

चेते नहीं तो होंगे संकटपूर्ण हालात

मदनगंज-किशनगढ़. मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए जंगल और पहाड़ों को भी नहीं छोड़ा। अंधाधुंध कटाई और दोहन का नतीजा है कि अब पर्यावरण संतुलन गड़बड़ाने लग गया है। गर्मी अपने ही रिकार्ड तोड़कर हमें भविष्य के आने वाले खतरों से आगाह कर रही है। दिनों बारिश कमी होने के कारण पेयजल संकट गहराने लगा है। अजमेर जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध सूखने के कगार पर पहुंच गया है। वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएंं ने सांस लेना तक मुश्किल कर दिया है। यदि समय रहते इस और ध्यान नहीं दिया गया तो इसके परिणाम भयावह होंगे। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी प्रदेश में अरावली खनन पर सरकार को फटकार लगा चुका है। राजस्थान को पहाड़ों की खुदाई करने वाला सबसे अग्रणी राज्य माना है। पर्यावरण सरंक्षण के लिए अब इन पहाड़ों की खुदाई के स?त नियम बनाने के साथ-साथ अधिकाधिक पौध रोपण के लिए स?ती से प्रयास करने होंगे। जानकारों की मानें तों प्रदेश में पांच करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाने की आवश्यकता बताई जा रही है। विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष रिपोर्ट।
(फोटो) पॉलीथिन का बढ़ता प्रयोग
पॉलीथिन का प्रयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसमें मु?य बात यह है कि सरकार को सब्जी लाने वाली पॉलीथिन तो दिखाई दे रही है, लेकिन कुरकुरे, चिप्स सहित पैकिंग के खाद्य पदार्थ की पॉलीथिन दिखाई नहीं देती है। पॉलीथिन से होने वाले नुकसान से आमजन को जागरुक किया जा रहा है। अजमेर के आगरा गेट के पास कपड़े के थैले की मशीन लगाई गई, लेकिन आज वह धूलफांक रही है।
(फोटो) हरियाली के नाम पर झांडिय़ां
अजमेर जिले में हरियाली के नाम पर बबूल के पेड़ उगे हुए है। यह नाममात्र की ऑक्सीजन छोड़ते है। इसमें मु?य बात यह है कि यह अन्य वनस्पति को अपने आस-पास पनपने नहीं देते है। पक्षी तक अपना घोंसला तक नहीं बना सकते है। इसकी लकड़ी सिर्फ कोयले बनाने के काम आती है। इन्हें हटाकर छायादार और फलदार पौधे लगाए जाने की आवश्यकता है।
(फोटो) रिकॉर्ड तोड़ रही है गमी
विकास की अंधी दौड़ में भाग रहे। यही कारण है कि विश्व के सबसे गर्म 15 शहरों में भारत के 10 शहर शामिल है। प्रदेश के जयपुर, चुरू, कोटा और श्रीगंगानगर भी इसमें शामिल बताए जाते है। अजमेर जिले में भी गर्मी कहर बरपा रही है। यदि यही हाल रहा तो आगामी सालों में एसी के बिना रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके बावजूद प्रकृति जो हमें आगाह कर रही है उसे समझ नहीं रहे हैं।
(फोटो) थैले बांटे, भरवाए संकल्प पत्र
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों की ओर से आमजन को जागरुक करने के लिए कपड़े के थैले बांटे गए। क्षेत्रीय अधिकारी संजय कोठारी ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल और श्री सीमेंट के सहयोग से थैले तैयार करवाए गए है। मंगलवार को आर.के.क?युनिटी सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में और मु?य चौराहे पर आमजन को वितरित किए गए। उनसे पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने का संकल्प पत्र भी भरवाए गए। इस दौरान मंडल के एईएन दीपक तंवर और जेएसओ गिरीराज सोनी सहित कई लोग उपस्थित रहे।

Home / Kishangarh / चेते नहीं तो होंगे संकटपूर्ण हालात

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.