बजरी माफिया बजरी स्टॉक कर निर्माण कार्यों में सप्लाई कर रहा है। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते धडल्ले से बजरी का अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। भवन निर्माण कार्य के लिए बजरी की आवश्यकता के चलते मजबूरी में मनमानी कीमतों पर खरीदना पड़ रहा है। कस्बे तथा आस-पास के क्षेत्र में दो से पांच हजार रुपए कीमत पर ट्रॉली सप्लाई की जा रही है।
डम्परों से हो रहा परिवहन कस्बे में देर रात तथा अलसुबह अरांई-किशनगढ़ रोड़ पर बजरी से भरे डम्पर, टे्रक्टर-ट्रॉली आसानी से देखे जा सकते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक मिलीभगत के चलते बजरी का परिवहन किया जा रहा है। टोंक से किशनगढ़, अजमेर जाने के लिए डम्पर अरांई होते हुए गुजर रहे हैं।
इस दौरान बजरी माफिया के लोग डम्पर आदि के आगे रैकी करते हुए चलते हैं। तेज गति से निकलने वाले रैकी वाहन और डम्पर से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दिन में भी चाय की होटलों, बाजार, चौराहा पर बैठे लोग पुलिस की लोकेशन बताते रहते हैं।