8 देश और 25 राज्यों की महिलाओं को प्रशिक्षण भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से इंडियन टेक्नीकल इकोनॉमिकल कॉरपोरेशन स्कीम के तहत यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वेयरफुट कॉलेज में दुनिया के 8 देशों और देश के 25 राज्यों की महिलाओं को वेयरफुट सौलर इंजीनियर के रूप में तैयार किया जा रहा है। लेटिन अमरीका के पेरू, चिली एवं ग्वाटेकाला देश की 10 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसी तरह अफ्रीका के आइवरी कोस्ट, नाइजीरिया, युगांडा और सूडान देश की 88 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही है, जबकि देश के 25 राज्यों की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्ष 1989 से अब तक यहां करीब 1200 से 1300 विदेशी महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी की है और देश की भी इतनी ही महिलाओं को ट्रेंड किया जा चुका है।
6 माह की ट्रेनिंग प्रशिक्षित ट्रेनरों के माध्यम से यहां पर महिलाओं को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग आवासीय है। यहां पर सौलर होम लाइटिंग सिस्टम (घरेलू सौर ऊर्जा प्रकाश इकाई), सौलर बिंदी लाइट और स्कूल एवं कॉलेजों में काम आने वाले सौलर प्रोजेक्टर भी बनाना सिखाया जाता है। यह सभी सौलर उपकरण सौर ऊर्जा के पैनल इत्यादि से चार्ज किए जा सकते हैं।
विलेज कमेटी करती है चयन देश हो या फिर विदेश एक गांव की कमेटी ही प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का चयन करती है। कमेटी अपने स्तर पर स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से गरीब और साक्षर एवं 35 साल की आयु से अधिक महिलाओं का चयन करती है और उन्हें ट्रेनिंग के लिए तिलोनिया भेजा जाता है। प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर ही सौलर प्लांट स्थापित किए जाकर इनकी देखभाल का जिम्मा इन प्रशिक्षित महिलाओं को देखकर अपने क्षेत्र के साथ ही महिला को आत्मनिर्भर बनाया जाता है।