पावरलूम बुनकरों एवं मजदूरों के लिए सार्वभौमिक बीमा योजना में इस योजना में पावरलूम वीविंग, ट्रिवस्टिंग, वाईडिंग, वार्पिंग, साइजिंग श्रमिक और चार या चार से कम लूम के मालिक भी शामिल हो सकते हैं।
इस समूह बीमा योजना का समय 1 जून से 31 मई तक का रहता है। इसलिए पावरलूम सर्विस सेंटर की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द अधिक श्रमिकों का बीमा करा दिया जाए। इस योजना में गत वर्ष 1200 श्रमिकों का बीमा किया गया।
एक ही सदस्य को लाभ इस योजना में एक परिवार का एक सदस्य ही शामिल हो सकता है। इसमें सामान्य मृत्यु होने पर श्रमिक के नामित को 2 लाख, दुर्घटना मृत्यु होने पर नामित को 4, पूर्णरूप से विकलांगता पर बीमाधारी को 2 लाख और आंशिक विकलांगता पर बीमाधारी को 1 लाख रुपए दिए जाते हैं।
49 वर्ष से अधिक शामिल नहीं इस योजना में 49 वर्ष से अधिक के श्रमिकों का बीमा नहीं किया जा सकेगा, जबकि नगर और आस-पास के पावरलूम क्षेत्र में 49 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिक अच्छी संख्या में हैं। इन श्रमिकों का बीमा करने के लिए सरकार को इस योजना में संशोधन करना चाहिए।
बाहर भी हैं श्रमिक राजस्थान में सबसे अधिक पावरलूम इकाइयां किशनगढ़ में हैं। इस कारण सबसे अधिक पावरलूम श्रमिक भी किशनगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इसके बाद ब्यावर, पाली और जयपुर में भी कई पावरलूम इकाइयां हैं। इन पावरलम इकाइयों के मजदूरों का भी बीमा कराए जाने का कार्य किया जाता है।
पावरलूम श्रमिक बीमा योजना के अंतर्गत अभी तक 200 से अधिक मजदूरों का बीमा कराया जा चुका है। यह बीमा योजना पावरलूम श्रमिकों के लिए लाभकारी है। पदमलोचन जॉली, प्रभारी, पावरलूम सर्विस सेंटर, किशनगढ़