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बकाए चने की हो खरीद, खरीदे का मिले भुगतान

locationकिशनगढ़Published: Aug 06, 2020 08:22:15 pm

Submitted by:

kali charan

सांसद चौधरी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को लिखा पत्र

बकाए चने की हो खरीद, खरीदे का मिले भुगतान

बकाए चने की हो खरीद, खरीदे का मिले भुगतान

मदनगंज-किशनगढ़.
प्रदेश के किसानों को रवि फसल वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थित योजनान्तर्गत बकाया चने की खरीद करने और खरीदी गई उपजों का जल्द भुगतान किए जाने को लेकर सांसद भागीरथ चौधरी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर को पत्र लिखा है।
सांसद चौधरी ने केंद्रीय मंत्री तोमर को पत्र लिख कर बताया कि प्रदेश में गत 20-25 दिनों से चने की समर्थन मूल्य पर खरीद कार्य रोक दिए जाने एवं किसानों को जारी ऑनलाइन टोकन के माध्यम से खरीद नहीं होने से हो रहे किसानों में असंतोष है। ऐसे में जल्द पुन: चने की खरीद शुरू करने और खरीदी गई उपजों का जल्द भुगतान किया जाए। चौधरी ने बताया कि प्रदेश में रवि फसल वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थित योजनान्तर्गत किसानों से चना खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बाद टॉकन जारी किए गए थे, लेकिन प्रदेश में निर्धारित तिथी से पूर्व ही 30 जून 20 को राजफैड की ओर से जारी टोकनों के अन्तर्गत किसानों से चना खरीद का कार्य विभागीय रोक के चलते पूर्ण नहीं हो पाया। इससे प्रदेश के टोकनधारी एवं तुलाई से वंचित किसानों में रोष उत्पन्न हो रहा है। प्रदेश की राज्य सरकार किसानों को केन्द्र सरकार से सक्षम स्वीकृति के अभाव में खरीद रोक दिए जाने एवं उस रोक को पुन: चालू कराने के लिए पत्राचार किए जाने का उल्लेख कर इतिश्री कर रही है। इसी सन्दर्भ में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिकता के अनुसार राज्य के कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। संबंधित राज्य सरकार की ओर से मात्रा का निर्धारण तय कर के केन्द्र सरकार को भिजवाया दिया जाता है। इसके तहत राजस्थान प्रदेश में चने का कुल उत्पादन 2685385 टन हुआ और राज्य सरकार ने उक्त उत्पादन का 25 प्रतिशत अर्थात 671346.25 टन का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालय को भेजा, इसके अनुसार उक्त मंत्रालय की ओर से मात्र 615350 टन की स्वीकृति जारी की गई जो कि 25 प्रतिशत के बजाय 22.93 प्रतिशत होती है। यानि की 2.07 प्रतिशत चने की तुलाई कम करवाई गई और वहीं दूसरी तरफ तुलाई का समय 90 दिन का होता है जबकि प्रदेश में कांटो पर तुलाई 60 दिन बाद ही बन्द कर दी गई। इसके कारण 55 हजार 250 टन चने की तुलाई अभी बाकी है। ऐसे में केन्द्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार लिपिकीय त्रुटी जो 2.07 प्रतिशत अर्थात् 55 हजार 250 टन चना उत्पादन की तुलाई जो कम हुई है उसे स्वीकृति प्रदान कर तुलाए जाने एवं तुलाई की समय अवधि बढ़ा कर जारी टोकनधारी किसानों को राहत प्रदान दी जाए।
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