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भक्तों ने की शैलपुत्री की पूजा अर्चना

locationकिशनगढ़Published: Oct 07, 2021 09:04:26 pm

Submitted by:

kali charan

देवीय मंदिरों और घर-घर की घट स्थापनाभक्तों ने किया कन्या पूजन और कराया भोजन

भक्तों ने की शैलपुत्री की पूजा अर्चना

भक्तों ने की शैलपुत्री की पूजा अर्चना

मदनगंज-किशनगढ़ ञ्च पत्रिका.
नवरात्र आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (एकम) गुरुवार प्रारम्भ हो गए और सूर्योदय से मध्याह काल तक चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग में शैलपुत्री माता की विशेष पूजा अर्चना की गई। देवीय मंदिरों और घर-घर घट स्थापना की गई। माता के भक्तों ने कन्याओं का पूजन किया और उन्हें भोजन करवा कर पुण्य कमाया। पूरे दिन मंदिरों एवं घरों पर पूजा पाठ का दौर रहा। कई माता के भक्तों ने निराहार रह कर अखंड व्रत भी शुरू किए तो किसी ने शुरुआती नवरात्रा का व्रत रखा।
सम्पूर्ण एकम (प्रतिपदा) ही चित्रा नक्षत्र या वैधृति योग मध्याह्न काल में घट स्थापना की गई। चित्रा नक्षत्र का पूर्वाद्र्ध सुबह 10.16 बजे तक एवं वैधृति योग का पूर्वाद्र्ध भी अपराह्न 3.24 बजे तक घट स्थापना और पूजा अर्चना की गई। शारदीय नवरात्रा प्रारंभ एवं घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त दोपहर 11.51 बजे से दोपहर 12.38 बजे तक सर्वश्रेष्ठ समय में भी पूजा अर्चना की गई। आश्विन शुक्ल एकम से नवमीं तक महिशासुर मर्दिनी भगवती दुर्गा के नव रूपों की आराधना, पूजन, हवन एवं फलाहार से उपवास किए जाएंगे।
आसन की टेकरी : महाकाली मंदिर
गुंदोलाव झील के मध्य स्थित आसन की टेकरी स्थित काली माता मंदिर में मां शैलपुत्री की पूजन अर्चना की गई। महा आरती दोपहर 12.15 बजे की गई। इसके बाद भोलूराम चौधरी, किशनाराम चौधरी मुंडोती वालों ने कन्या पूजन एवं कन्या भोजन का आयोजन किया। मीडिया प्रवक्ता राजेश माथुर ने बताया कि नियमित रूप से अपराह्न 3.30 से शाम 5 बजे तक हवन यज्ञ, अपराह्न 3 बजे से शाम 5 बजे तक पंडित राजेश काकड़ा ने कराया। सायं कालीन महाआरती 7.15 बजे महंत लक्ष्मणदास एवं संतों व भक्तों के मध्य की गई। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। मंदिर में भव्य आकर्षक सजावट की गई है। विद्युत सज्जा एवं फूल मालाओं से माता के दरबार को सजाया गया। समिति के सुखदेव गुर्जर, राजेंद्र शर्मा, महेश शर्मा, ज्ञानचंद सोनी, रमेश चांड़क, बृजलाल व्यास, राजेश माथुर, नरेंद्र पुरोहित, महावीर राव, भीमसिंह धाभाई, दिनेश शर्मा, अंकुर मिश्रा एवं अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।
शारदीय नवरात्रा : नौ देवियों का पूजन
द्वितीया : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना।
तृतीया : मां चन्द्रघंटा की पूजा अर्चना।
चतुर्थी : कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना।
पंचमी : स्कन्दमाता की पूजा अर्चना।
षष्ठमी : कात्यायनी देवी की पूजा।
सप्तमी : कालरात्रि देवी की पूजा अर्चना।
अष्टमी : महागौरी की पूजा अर्चना।
नवमीं : मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना।
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