परिवहन विभाग में दो पहिया, चौपहिया, ट्रक और ट्रेलर, बस आदि के वाहनों के लाइसेंस बनाए जाते हैं। लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया काफी जटिल और लम्बी होने के कारण दलालों का सहारा लेना पड़ता था। इससे लाइसेंस बनवाने में निर्धारित शुल्क के कई गुना राशि खर्च होती थी और कई चक्कर भी लगाने पड़ते थे। ऑनलाइन लाइसेंस बनवाने और उसके नवीनीकरण आदि की प्रक्रिया प्रारंभ होने से उपभोक्ता कहीं से भी आवेदन कर अपना लाइसेंस बनवा सकता है। इससे समय के साथ आर्थिक बचत भी होगी। इससे आमजन लाभान्वित होगा।
यह होगी प्रक्रिया
लाइसेंस बनवाने का इच्छुक व्यक्ति किसी भी ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करेगा। आवेदन भरने के साथ ही उसे आवेदन में संलग्न दस्तावेजों के साथ निर्धारित तिथि और समय दे दिया जाएगा। उसे परिवहन विभाग पहुंचकर उनकी जांच करवानी होगी। जांच आदि के बाद उसे लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद परमानेंट लाइसेंस में भी यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके कारण उसे सिर्फ दो बार विभाग में आना पड़ेगा।
लाइसेंस बनवाने का इच्छुक व्यक्ति किसी भी ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करेगा। आवेदन भरने के साथ ही उसे आवेदन में संलग्न दस्तावेजों के साथ निर्धारित तिथि और समय दे दिया जाएगा। उसे परिवहन विभाग पहुंचकर उनकी जांच करवानी होगी। जांच आदि के बाद उसे लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद परमानेंट लाइसेंस में भी यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके कारण उसे सिर्फ दो बार विभाग में आना पड़ेगा।
फैक्ट फाइल
– 700 लर्निग लाइसेंस बनाए जाते हैं प्रतिमाह – 600 के करीब स्थाई लाइसेंस
यह होंगे ऑनलाइन आवेदन – लाइसेंस बनवाने के लिए
– लाइसेंस रिन्यूवल करवाने में – परमानेंट लाइसेंस बनवाने
– लाइसेंस खोने की स्थिति में
– 700 लर्निग लाइसेंस बनाए जाते हैं प्रतिमाह – 600 के करीब स्थाई लाइसेंस
यह होंगे ऑनलाइन आवेदन – लाइसेंस बनवाने के लिए
– लाइसेंस रिन्यूवल करवाने में – परमानेंट लाइसेंस बनवाने
– लाइसेंस खोने की स्थिति में
विभाग को यह भी होगा लाभ
पहले विभाग में ऑफलाइन लर्निंग लाइसेंस आदि बनवाने पर उसमें दस्तावेज आदि लगाए जाते थे। लाइसेंस बनने के कुछ वर्षों बाद आवेदन और दस्तावेज आदि का निस्तारण कर दिया जाता था। ऐसे में विभाग के पास बामुश्किल रिकार्ड रहता था। इससे कभी आवश्यकता होने पर लोगों का रिकार्ड आदि भी नहीं मिल पाता था।
पहले विभाग में ऑफलाइन लर्निंग लाइसेंस आदि बनवाने पर उसमें दस्तावेज आदि लगाए जाते थे। लाइसेंस बनने के कुछ वर्षों बाद आवेदन और दस्तावेज आदि का निस्तारण कर दिया जाता था। ऐसे में विभाग के पास बामुश्किल रिकार्ड रहता था। इससे कभी आवश्यकता होने पर लोगों का रिकार्ड आदि भी नहीं मिल पाता था।
ऑनलाइन मिलेगी जानकारी
ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ होने से दस्तावेज आदि सभी ऑनलाइन भरे जाएंगे। इससे विभाग के पास डाटा भी तैयार हो जाएगा। ऐसे में देश के किसी भी कोने से लाइसेंस के आधार उस व्यक्ति के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इससे विभाग को रिकार्ड आदि भी रखने में आसानी होगी।
ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ होने से दस्तावेज आदि सभी ऑनलाइन भरे जाएंगे। इससे विभाग के पास डाटा भी तैयार हो जाएगा। ऐसे में देश के किसी भी कोने से लाइसेंस के आधार उस व्यक्ति के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इससे विभाग को रिकार्ड आदि भी रखने में आसानी होगी।
विभाग में ऑनलाइन लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया एक मई से शुरू की जाएगी। इससे लोगों को बार-बार विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और आमजन भी लाभान्वित होगा। देवेन्द्र आकोदिया, डीटीओ परिवहन विभाग किशनगढ़