मैं सवाईमाधोपुर जिले से दूसरी बार बाबा के पैदल जा रहा हूं। रोज हम करीब 6 0 से 70 किलोमीटर पैदल चलते है। रात को भण्डारे में आराम करते है। तड़के वापस निकल जाते है। रास्ते में कुछ देर रूकते है। लेकिन लबा विश्राम रात को ही करते है।
नाहर सिंह बनोटा
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भक्ति में शक्ति है कुछ दिन पहले बाबा रामदेव का नाम लेकर घर से पैदल निकला था। करीब 15 दिन में रामदेवरा पहुंच जाऊंगा। सारी शक्ति बाबा ही देते है। सातवीं बार पैदल जा रहा हूं। आगे भी जाता रहूंगा।
रामकेश मीणा कोडियाई
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मैं सातवी बार सवाईमाधोपुर से पैदल रामदेवरा जा रहा हूं। बाबा रामदेव के जाने के लिए बस इच्छा शक्ति की जरूरत है। बाकी सब व्यवस्था बाबा अपने आप कर देते है। कही कोई तकलीफ नहीं आती है।
कालूराम मीणा
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तड़के तीन बजे से चाय
रात को रूकने वाले यात्री तड़के निकल जाते है। तड़के तीन बजे से चाय बनना शुरू हो जाती है। सुबह 8 बजे से पहली पंगत लग जाती है। इसके बाद रात तक भट्टी चालू रहती है।
डालचंद लुहार भंडारा संचालक