50 हजार हेक्टेयर में बुवाई, अच्छी पैदावार की उमीद
किशनगढ़Published: Jul 12, 2019 11:01:56 am
काश्तकारों को अच्छी बारिश की आसकृषि विभाग ने काश्तकारों को बंाटे 366 मिनिकट
50 हजार हेक्टेयर में बुवाई, अच्छी पैदावार की उमीद
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. किशनगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में गत दिनों हुई अच्छी बारिश के बाद 50 हजार हेक्टेयर में बुवाई हो गई है। काश्तकारों को अब खरीफ की अच्छी पैदावार की उमीद है। कृषि विभाग की ओर से 366 मिनिकट भी वितरित किे गए।
किशनगढ़ पंचायत समिति के कुछ क्षेत्रों में बुवाई की आवश्यकता के अनुसार बारिश होने के कारण वहां पर बुवाई का अधिकांश काम पूरा हो गया है। पंचायत समिति क्षेत्र में 50 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से अभी तक 49,500 हेक्टेयर के करीब बुवाई हो चुकी है। अब काश्तकारों को मानसून की अच्छी बारिश का इंतजार है। इससे खरीफ की अच्छी फसल पैदावार होने की उमीद है। उल्लेखनीय है कि प्री मानसून बारिश अच्छी बारिश होने के कारण काश्तकार पिछले 20 दिनों से बुवाई में जुटे हुए थे।
काश्तकारों को 366 मिनिकट बांटे
कृषि विभाग की ओर से काश्तकारों को मूंग और तिल के मिनिकट बांटे गए। इसमें मूंग के 206 और तिल के 160 मिनिकट वितरित किए गए। मूंग के 5 किलो और तिल के एक-एक किलो के मिनिकट बांटे गए है।
फसल बुवाई
बाजरा 15,100 हेक्टेयर
ज्वार 17,200 हेक्टेयर
ंंमूंग 10,000 हेक्टेयर
मक्का 950 हेक्टेयर
तिल 2350 हेक्टेयर
ग्वार 3050 हेक्टेयर
चवला 370 हेक्टेयर
मूंगफली 50 हेक्टेयर
कपास 20 हेक्टेयर
हरा चारा 200 हेक्टेयर
सब्जियां व अन्य 610 हेक्टेयर
खाद और यूरिया की अच्छी बिक्री
क्रय विक्रय सहकारी समिति की ओर से काश्तकारों को खाद और यूरिया आदि उपलब्धकराया गया। समिति ने अभी तक 7 हजार कट्टे डीएपी, एनपीके 175 कट्टे और 75 कट्टे यूरिया उपलब्धकराया गया है।
फड़के से बचाव के बताए उपाय
कृषि विभाग की ओर से फड़के से बचाव के तरीके बताए है। उन्होंने बताया कि खेतों की मेड़ पर घास उगने के साथ फड़के अंडे दे देत है। इसके बाद वह खेत में बीजारोपण के बाद अंकुरण होते ही वहां पर चले जाते है। इससे फसलों को नुकसान पहुंचता है। इससे बचाव के लिए अभी से खेतों की मेड़ पर क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत का भुरकाव किया जाना चाहिए।
इनका कहना है…
किशनगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में अधिकांश बुवाई पूरी हो गई है। प्री मानसून बारिश के बाद से बुवाई का दौर प्रारंभ हो गया था।
ृ- वासुदेव बारहठ, सहायक कृषि अधिकारी कृषि विभाग किशनगढ़