काश्तकारों को अच्छी बारिश का इंतजार है। इसके बाद बुवाई में तेजी आएगी। खरीफ की 50 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। किशनगढ़ पंचायत समिति के कुछ क्षेत्रों में बुवाई की आवश्यकता के अनुसार बारिश होने के कारण वहां पर बुवाई का दौर शुरू हो गया है। वर्तमान में रलावता, टिकावड़ा सहित आस-पास के क्षेत्रों में करीब 200 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में बारिश का इंतजार है।
बारिश आने के बाद ही बुवाई में तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि प्री मानसून बारिश के साथ ही काश्तकार बुवाई में जुट जाते हैं। काश्तकारों को अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार है। खाद-बीज की खरीद जोरों पर
मानसून की दस्तक के साथ ही काश्तकारों ने खाद और बीज की खरीदारी शुरू कर दी है। काश्तकार क्रय-विक्रय सहकारी समिति से खाद की खरीदारी कर रहे हैं। बीज का इंतजाम किया जा रहा है। कुछ काश्तकारों ने दुकानों से बीज खरीद लिया है।
आगामी दिनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। काश्तकारों के खेती-बाड़ी में जुटने के कारण कृषि उपज मंडी में भी सन्नाटा पसरने लग गया है। नाममात्र के काश्तकार ही अपनी जिंसें लेकर बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं। किशनगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाले गांवों में बुवाई का यह रखा गया है लक्ष्य।
फसल बुवाई बाजरा 14,000 हैक्टेयर ज्वार 24,000 हैक्टेयर मूंग 10,000 हैक्टेयर मक्का 1200 हैक्टेयर तिल 2400 हैक्टेयर ग्वार 2800 हैक्टेयर चवला 50 हैक्टेयर मूंगफली 50 हैक्टेयर
धनिया 140 हैक्टेयर सब्जिया 100 हैक्टेयर अन्य 100 हैक्टेयर खेतों में बुवाई की पूरी तैयारी काश्तकारों ने बुवाई की पूरी तैयारी कर ली है। खेतों में गहरी खुदाई पहले ही की गई थी। अब उन्हें समतल कर टे्रक्टर आदि चलाए जा रहे हैं। बारिश आने के साथ ही बुवाई का काम तेज हो जाएगा।
अभी कुछ ही जगह पर बुवाई लायक बारिश होने से खरीफ की बुवाई की गई है। आगामी दिनों में इसमें और तेजी आएगी। काश्तकार बारिश का इंतजार कर रहे हैं। वासुदेव बारहठ, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि विभाग किशनगढ़