दर्जी का बेटा बनेगा डॉक्टर
किशनगढ़Published: Jun 16, 2019 09:01:21 pm
टेलर के बेटे ने की नीट पास-बहन भी बन चुकी है डॉक्टर-सोशल मीडिया से बनाए रखी दूरी
दर्जी का बेटा बनेगा डॉक्टर
मदनगंज-किशनगढ़. किशनगढ़ के एक टेलर परिवार के बेटे ने नीट परीक्षा पास कर देशभर में 1854 वां स्थान प्राप्त किया। वहीं किशनगढ़ में नीट पास करने वालों में प्रथम स्थान बनाया। नगर के विराट नगर में रहने वाले रामबाबू छीपा और मीना छीपा के बेटे शुभम ने नीट परीक्षा पास की है। शुभम का लक्ष्य एमबीबीएस करने के बाद रेडियोलॉजिस्ट बनने का है। शुभम ने बताया कि उसकी बड़ी बहन दीक्षा छीपा ने वर्ष 2014 में एआईपीएमटी और आरपीएमटी की परीक्षा पास की थी। अहमदाबाद और अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में नंबर आने पर जेएलएन से एमबीबीएस की पढ़ाई की। दीक्षा ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब दीक्षा का लक्ष्य कार्डियोलॉजिस्ट बनने का है। शुभम ने बताया कि बहन को देखकर ही डॉक्टर बनने का लक्ष्य तय किया था। छह घंटे की नींद और कोचिंग आने-जाने के समय को छोड़कर लगातार पढ़ाई की। बहन दीक्षा और माता-पिता ने भी हौंसला बढ़ाया। पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से भी पूरी तरह दूरी बनाई रखी। इससे पहले किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की परीक्षा में भी देशभर में 7 वां स्थान प्राप्त किया। इसमे उसे बीएससी करने पर उसे 80 हजार रुपए प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति मिलती लेकिन उसने नीट एग्जाम देना तय किया। वर्ष 2018 में कक्षा 12 वीं के साथ 498 अंक प्राप्त किए थे। इस बार 720 में से 638 अंक प्राप्त किए है। शुभम प्रारंभ से ही प्रतिभावान छात्र है। कक्षा में 9.4 सीजीपीए और कक्षा 12 में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है। नीट परीक्षा की तैयारी से पहले थोड़ा बहुत क्रिकेट खेलता था लेकिन परीक्षा की तैयारी के दौरान यह भी छोड़ दिया था।
25 साल से सिलाई कार्य
शुभम के पिता रामबाबू छीपा ने बताया कि वह भी डॉक्टर बनना चाहते थे। इसके लिए 1982 में जयपुर जिले के गांव गागरडू से यहां आकर पढ़ाई के लिए कक्षा 9 में प्रवेश लिया था लेकिन आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण पढ़ाई छोडऩी पड़ी। इसके बाद कुछ समय बैंक में कार्य भी किया। परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं को देखते हुए सिलाई कार्य करना शुरू किया तब से अब तक सिलाई कार्य से ही अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे है। दस साल पहले किराए की दुकान खाली कराए जाने के बाद घर में ही सिलाई कार्य करते है। इस सिलाई कार्य में उनकी पत्नी मीना छीपा भी पूरा सहयोग करती है। उनके बच्चों ने उनका सपना पूरा किया है।