हादसे को न्यौता देते जर्जर भवन
तेज बारिश में जनहानि की रहती आंशका
नगर परिषद ने अभी तक नहीं दिए नोटिस

मदनगंज-किशनगढ़. मानसून सिर पर होने के बावजूद नगर परिषद ने अभी तक जर्जर भवनों की सुध नहीं ली है। तेज बारिश में कभी भी बारिश हो सकती है।
नगर में कई स्थानों पर मकान खण्डर में तब्दील हो गए है। इसमें से कुछ मकान तो बंद पड़े है, जबकि कुछ में लोग रहते है। ऐसे में तेज बारिश होने पर गंभीर हादसा होने की आंशका बनी रहती है। इससे बचाव के लिए नगर परिषद की ओर से मानसून से पहले मकान मालिकों को नोटिस जारी किए जाते है। इसके बावजूद जर्जर भवनों को दुरुस्त नहीं कराने की स्थिति में हादसे की आंशका के चलते नगर परिषद उन जर्जर भवनों को ध्वस्त कर देती है, लेकिन किशनगढ़ नगर परिषद को इससे कोई सरोकार नहीं है। स्थिति यह है कि नगर परिषद की ओर से अभी तक एक भी जर्जर भवन मालिक को नोटिस जारी नहीं किए है और ना ही स्वयं के स्तर पर किसी प्रकार की कार्रवाई करने की जहमत उठाई है। इससे तेज बारिश होने की स्थिति में गंभीर हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
यहां पर सर्वाधिक स्थिति खराब
नगर के लुहारियाबास, ब्रह्मपुरी मोहल्ला, पुरानी कोतवाली के पास, दीवानजी का मोहल्ला, नया शहर और मदनगंज क्षेत्र में कई जर्जर मकान है। जर्जर मकानों से कभी ही हादसा हो सकता है।
हवेलिया के साथ सरकारी भवन भी जर्जर
नगर में कई पुरानी हवेलियां है। इसमें से अधिकांश हवेलियां खाली पड़ी है। उनकी सार-संभाल नहीं होने के कारण वह खण्डर में तब्दील हो गई है। इसी प्रकार कई सरकारी भवन भी है। वह भी देख-रेख के अभाव में जर्जर हो गए है।
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