तो और बढ़ जाएगी पावरलूम की मुश्किलें
किशनगढ़Published: Oct 17, 2019 08:22:05 pm
बिजली की दरे बढ़ाने का प्रस्ताव लागू होने पर बढ़ जाएगा संकटवर्तमान में पावरलूम झेल रहा है मंदी के हालात
तो और बढ़ जाएगी पावरलूम की मुश्किलें
मदनगंज-किशनगढ़.
विद्युत कंपनियों की ओर से हाल में बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। अगर इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाती है तो बिजली की दरे बढऩे से लघु उद्योगों विशेषकर पावरललूम क्षेत्र की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। वहीं अजमेर विद्युत निगम की ओर से 5 पैसे प्रति यूनिट यूल सरचार्ज बढ़ाए जा चुके है। इससे भी ाार बढ़ेगा। वर्तमान में पावरलूम झेत्र भी गत छह माह से मंदी की मार झेल रहा है।
वर्तमान में पावरलूम क्षेत्र को बिजली की दर 8 रुपए यूनिट पड़ती है। बिजली की दरे बढ़ाए जाने के साथ ही फिक्स चार्ज आदि भी बढ़ जाएंगे। इससे पावरलूम उद्योग की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। राजस्थान को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में पावरलूम के लिए बिजली की दरें कम है।कई राज्यों में तो काफी कम हो रखी है। इसके कारण वहां का कपड़ा यहां तक आता है। मंदी और बिजली की दरें अधिक होने के कारण पावरलूम क्षेत्र की 20 प्रतिशत इकाइयां बंद पड़ी हुई है। वहीं अन्य इकाइयों की शिटों में कटौती की जा चुकी है। इससे सबसे अधिक श्रमिकों की मजदूरी पर नकारात्मक असर पड़ा है।
रोजगार परक उद्योग
पावरलूम क्षेत्र रोजगार परक उद्योग है। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से लगभग 10 हजार श्रमिकों को रोजगार मिलता है। इससे आसपास के गांवों और नगर के श्रमिकों को रोजगार मिल जाता है और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
मिल भी सकती है राहत
राजस्थान पावरलूम एसोसिएशन अध्यक्ष श्रीगोपाल सोनी ने बताया कि हाल ही में मुय सचिव के साथ टैक्सटाइल उद्यमियों की बैठक हुई है। इस बैठक में उद्यमियों ने अन्य राज्यों महाराष्ट, गुजरात, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश आदि का हवाला देते हुए बिजली की दरें कम किए जाने की मांग की थी। इस पर कम से कम 1 रुपए यूनिट कम किए जाने का आश्वासन दिया गया है। अगर यह आश्वासन लागू किया जाता है तो पावरलूम क्षेत्र को कुछ राहत मिल जाएगी।
इनका कहना है-
अभी बिजली की दरें सबसे अधिक है। राज्य सरकार से टैक्सटाइल के लिए बिजली की दर कम करने का आश्वासन मिला है। ऐसा होने पर कुछ राहत मिल सकती है।
-श्रीगोपाल सोनी, अध्यक्ष, राजस्थान पावरलूम एसोसिएशन, किशनगढ़।
वर्तमान में बिजली की दरे अन्य राज्यों से अधिक होने के कारण प्रतिस्पद्र्धा करना मुश्किल हो गया है। इसको देखते हुए बिजली की दरें कम करनी चाहिए।
जगदीश नारायण बंसल, पावरलूम उद्यमी, किशनगढ़।