…तो किशनगढ़ में झील बरपा न दे कहर
किशनगढ़Published: Aug 17, 2019 08:16:25 pm
गुंदोलाव झील की पाल में रिसावआपदा प्रबंधन और नगर परिषद कर्मचारियोंं पाल की सुरक्षा के लिए लगाए मिट्टी से भरे कट्टेएसडीओ और आयुक्त ने मध्यरात्रि को किया पाल का निरीक्षण
…तो किशनगढ़ में झील बरपा न दे कहर
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. गुंदोलाव झील में पानी की अच्छी आवक होने और चादर चलना जहां एक तरफ लोगों में खुशी का कारण बना हुआ है। वहीं निरंतर हो रही बारिश से झील में बढ़ता जल स्तर के साथ ही झील की पाल में रिसाव किसी चिंता से कम नहीं है। यदि पानी के बढ़ते दबाव से पाल के क्षतिग्रस्त होने का भी खतरा होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। चादर चलने की जानकारी पाकर एसडीओ श्यामा राठौड़ एवं आयुक्त विकास कुमावत मय नगर परिषदकर्मियों की टीमों के साथ शुक्रवार मध्यरात्रि को ही मौके पर पहुंचे और पाल का निरीक्षण किया। एसडीओ राठौड़ ने आयुक्त कुमावत को पाल को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
स्थानीय प्रशासन का आपदा प्रबंधन केंद्र भी सक्रिय हो गया है। बरसात तेज होते ही उपखंड क्षेत्र के आपदा नियंत्रण केंद्र सक्रिय हो गया है। उपखंड प्रशासन की ओर से नगर सहित अरांई में केंद्र संचालित किया जा रहा है ताकि कोई भी परेशानी आने पर क्षेत्रवासी फोन कर अवगत करवा सके। किसी भी प्रकार की आपदा होने पर किशनगढ़ के नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 01463-245850 और अरांई के केंद्र के फोन नंबर 01463-281211 पर सूचना दे सकता है। ताकि समय पर राहत और बचाव के कार्य किए जा सके।
पाल की सुरक्षा में जुटी टीमें
पाल की रिसाव की जानकारी पाकर आपदा पं्रबंधन की टीमें और नगर परिषद की टीमों ने शनिवार को सुबह संयुक्त रूप से पाल की सुरक्षा के कार्य किए। टीमों ने पाल के रिवास वाली जगहों पर मिट्टी से भरे कट्टे लगाए और के्रन की सहायता से पत्थर की खड़ी पट्टियां भी लगाई गई। ताकि पाल पानी का दबाव सह सके और क्षतिग्रस्त होने से बची रहे।
यहां इन गांवों में भरेगा झील
झील में बढ़ते पानी के जल स्तर और पानी के दबाव के चलते यदि पाल क्षतिग्रस्त होती है तो रण समद तालाब में पानी जाएगा। करीब दो किलोमीटर भराव क्षमता वाले इस तालाब में पानी भरने के बाद नया गांव और सरगावं होते हुए दूदू की तरफ के जलाशयों में पानी पहुंचेगा। ऐसे में रास्ते में आने आबादी क्षेत्र में भी पानी से नुकसान होने की आशंका रहती है।