पुराने शहर में अधिकतर घरों के बाहर ही नई पेयजल लाइनें खुली हुई है। इन लाइनों के अधिकतर वाल्व या टोंटियां नहीं है। इस कारण लोग इनसे सीधे ही पानी भरते है और इस दौरान पानी व्यर्थ बहता रहता है।
जागरूकता का अभाव पानी को लेकर क्षेत्रवासियों में जागरूकता का भी अभाव है। क्षेत्रवासियों में पानी बचाने को लेकर अपने स्तर पर भी प्रयास करने की आवश्यकता है। जागरूकता के अभाव के कारण शुद्ध पेयजल व्यर्थ बह जाता है।
आवागमन में परेशानी पानी बेकार बहने के कारण सड़क पर भी पानी भर जाता है। कई जगह तो पानी अधिक बहने से सड़क पर कीचड़ फैल जाता है। इससे लोगों को आवागमन में भारी समस्या होती है। साथ ही जलापूर्ति के समय और बाद में वाहन चालकों और राहगीरों को आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ती है।
कार्रवाई की जरूरत जलदाय विभाग अभी नई लाइनों से पेयजल आपूर्ति के दौरान प्रेशर की जांच करने में लगा हुआ है। विभाग की ओर से पेयजल लाइन बिछवाए जाने के दौरान ठेका कंपनी की ओर से घरों के बाहर तक पेयजल लाइन पहुंचा दी गई, लेकिन लोगों ने घरों के अंदर पाइप जोड़कर टोंटियां नहीं लगाई गई। इससे पानी की बर्बादी हो रही है। विभाग की ओर से भी इस तरह बेकार पानी बहाने वाले लोगों पर कार्रवाई की जरूरत है। इससे लोगों को पानी के महत्व का अहसास होगा।
इस संबंध में जलदाय विभाग के सहायक अभियंता गजेन्द्र कुमार ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के कंपनी की ओर से कनेक्शन जोड़ा गया है उनके मीटर और वॉल्व जल्द फिट कर दिया जाएगा। वहीं नए आवेदकों को अपने स्तर पर फिटिंग करवाना जरूरी है।