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सड़कों के हम हैं ‘राजकुमारÓ

locationकिशनगढ़Published: Sep 16, 2019 02:25:29 am

Submitted by:

Narendra

सड़कों पर बैठे मवेशी, बन गए आफत
दिन और रात दोनों समय रहता है सड़कों पर जमघट
हादसों की बनी रहती आशंका

सड़कों के हम हैं 'राजकुमारÓ

सड़कों के हम हैं ‘राजकुमारÓ

मदनगंज-किशनगढ़ (अजमेर).

मार्बल नगरी की यह सड़कें मानो वाहनों और राहगीरों के लिए नहीं बल्कि लावारिस मवेशियों के लिए बनी हो। हाइवे हो या फिर मुख्य मार्ग या गली मोहल्ले हरेक जगह दिन हो या रात हर समय लावारिस मवेशियों का जमघट लगा रहता है। आए दिन सड़कों पर बैठे इन मवेशियों के कारण कभी वाहन चालक तो कभी राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। लेकिन इनको पकडऩे की नगर परिषद प्रशासन की कोशिशें भी नाकाफी हैं। ऐसे में मुख्य मार्गों पर इन दिनों लावारिस मवेशियों की भरमार है।
मुख्य मार्गों पर बैठे रहते मवेशी

सिटी रोड सुमेर क्लब चौराहा, मील चौराहे, प्राचीन बालाजी मंदिर के पास, राजकीय शार्दूल स्कूल के सामने, मुख्य चौराहा सहित पूरे मुख्य मार्ग मार्गों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। अजमेर रोड, हाऊसिंग बोर्ड चौराहा, पुराने बस स्टैण्ड के पास तो इनकी अधिक भरमार रहती है। यहां बड़ी संख्या में सड़क पर गायें बैठी रहती हैं। यहां से दिन भर नागरिकों का आवागमन रहता है और आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं।
हाइवे भी नहीं अछूते

लावारिस मवेशियों से नेशनल हाइवे और राजमार्ग भी अछूते नहीं हैं। किशनगढ़-रूपनगढ़ के बीच में सड़कों पर लावारिस मवेशी झुण्ड बनाकर बैठे रहते हैं। मार्बल एरिया स्थित नेशनल हाइवे, हरमाड़ा चौराहा, मकराना चौराहा, रामनेर चौराहा, जयपुर हाइवे, परासिया रेलवे फाटक के पास सहित अन्य स्थानों पर रात के समय और दिन में भी पशु बैठे रहते है।
जीप, कार जैसे चौपहिया वाहन इन्हें बचाने या इनसे बचने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। वहीं ट्रक और बस का भी संतुलन बिगड़ जाता है। मवेशियों के कारण हाइवे पर हुई दुर्घटनाओं में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं और कई गंभीर रूप से घायल भी हुए। अजमेर-जयपुर राजमार्ग का भी यही हाल है।
आए दिन मर रहे पशु

ऐसा नहीं है कि केवल वाहन ही दुर्घटनाग्रस्त होते है या सवार लोग ही दुर्घटना का शिकार होते है। मुख्य सड़कों पर वाहनों की चपेट में आने से यह मवेशी भी मर जाते है। दुधारू पशुओं के मरने से पशुपालकों को भी काफी नुकसान होता है। वहीं कई पशु अपाहिज हो जाते है। कृष्णगढ़ गो-चिकित्सालय में आए दिन ऐसे पशु आते हैं। जो सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं।
जान और माल दोनों का नुकसान

सड़कों पर पशुओं के विचरण करने से जान और माल दोनों का नुकसान हो रहा है। दुर्घटनाओं में कई वाहन चालक और उसमे सवार लोग जान गंवा चुके है। वहीं कई लोग स्थायी रूप से विकलांग भी हो जाते हैं। इसी तरह बड़ी संख्या में पशु भी मर जाते हैं। सैकड़ों पशु ऐसे है जो चल फिर नहीं पाते। इसी तरह वाहनों को भी बड़ा नुकसान होता है।
हरियाली के कारण बढ़ी चहल-पहल

राजमार्ग पर इन दिनों दोनों ओर हरियाली फैली है। हरियाली के चलते पशुपालक अपने पशुओं को चरने के लिए छोड़ देते है। पशु सड़क पर आ जाते हैं तथा झुण्ड बनाकर बैठ जाते हैं। वहीं गली मोहल्लों में लोगों की ओर से खाद्य वस्तुओं को घरों के बाहर फैंकने के कारण पशु एकत्र हो जाते है।
इस संबंध में नगर परिषद आयुक्त विकास कुमावत ने बताया कि मवेशियों की संख्या काफी है। तीन राउंड में मार्गों पर विचरण करते मवेशियों को पकड़ा जाता है। लावारिस मवेशियों को पकडऩे के लिए ओर कोशिश की जाएगी।
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