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ऐ कैसा तालाब, जहां रोज बहता पानी

locationकिशनगढ़Published: Aug 27, 2019 07:41:03 pm

Submitted by:

kali charan

372 एमएम बारिश, फिर भी बांध खालीलीकेज के कारण इकडंडिया बांध से बेकार बह रहा पानीरियासतकालीन इकडंडिया बांध की मरम्मत की जरूरतभूजल स्तर बढ़ाने में हो सकता है उपयोग

ऐ कैसा तालाब, जहां रोज बहता पानी

ऐ कैसा तालाब, जहां रोज बहता पानी

मदनगंज-किशनगढ़.
नगर में पहाडिय़ों के बीच स्थित रियासतकालीन इकडंडिया बांध 372 एमएम बारिश होने के बावजूद अभी भी खाली है। ऐसा नहीं है कि बांध में पानी नहीं आया बल्कि पानी तो आया लेकिन लीकेज के कारण बेकार बह गया। इस बांध से अभी भी पानी बेकार बह रहा है। इस लीकेज की मरम्मत की जाए तो यह पानी भूजल स्तर बढ़ाने में काम आ सकता है।
नया शहर अजमेरी गेट से आगे नारायणी माता मंदिर के पीछे रियासतकालीन इकडंडिया बांध स्थित है। इसकी पाल की ऊंचाई लगभग 8 मीटर है और चादर की ऊंचाई लगभग 6 फीट है। इस कारण इस बांध की जल संग्रहण क्षमता 6 फीट तक ही सीमित है। इसका जल संग्रहण क्षेत्र करीब 10 बीघा का है। वर्तमान में बरसात के कारण इसमे पानी तो आया लेकिन इसमे लीकेज के कारण पानी लगातार निकल रहा है। यह पानी व्यर्थ ही बह रहा है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत की गई जिस पानी का भूजल स्तर बढ़ाने में उपयोग हो सकता है वह बेकार ही बह जाएगा। यह बांध तीन ओर से पहाडिय़ों से घिरा होने के कारण प्रदूषण से बचा हुआ है। वर्तमान में इसके आसपास विलायती बबूल की भरमार है। इन विलायती बबूलों को हटाकर देसी वनस्पतियों को लगा दिया जाए तो इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाएगी। बांध के जानकारों का कहना है कि यहां करीब 40 साल पहले देसी पेड़ और फूलों के पौधे थे जो विलायती बबूल के कारण विलुप्त हो गए।
मरम्मत की आवश्यकता
वर्तमान में इसकी मरम्मत की आवश्यकता है। रियासत कालीन पाल में लीकेज के कारण पानी बेकार बह रहा है। इसकी जल्द से जल्द मरम्मत कर दी जाए तो इसमे पानी अगली गर्मियों तक बना रह सकता है। इससे भूजल स्तर भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बढ़ाई जा सकती है क्षमता
तीन ओर पहाडिय़ां होने के कारण इस बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए नई योजना की आवश्यकता है। इसकी ऊंचाई दुगनी भी की जा सकती है। इससे इसमे अधिक पानी भरेगा और भूजल स्तर बढ़ाने में बहुत अधिक उपयोगी साबित होगा।
बन सकता है पर्यटन केंद्र
इस बांध की मरम्मत और विकास पर ध्यान दिया जाए तो यह पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। चूंकि यह तीन ओर से पहाडिय़ों से घिरा हुआ है और बरसात के समय हरियाली होने के कारण इसका दृश्य मनोरम दिखाई देता है। इसलिए इसे पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
जल्द हो मरम्मत
इस बांध की जल्द से जल्द मरम्मत होनी चाहिए ताकि इसका पानी व्यर्थ न जाए। अगर इसकी मरम्मत नहीं हुई तो यह जल्द खाली हो जाएगा।
बरसों बाद आया पानी
इस बांध में बरसों बाद इतना पानी आया है लेकिन यह भी बेकार बह रहा है। इसकी मरम्मत कर दी जाए तो पानी बेकार बहना रूक जाएगा।
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