पत्रिका न्यूज नेटवर्क मदनगंज-किशनगढ़. शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय विद्यालयों के एकीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत नगर के कई विद्यालयों को बंद किया गया था। इन विद्यालयों को अभी तक नहीं खोला गया है। इस कारण आसपास के बच्चों को दूसरे स्कूलों में जाना पड़ता है। यह विद्यालय वापस शुरू कर दिए जाए तो अन्य सरकारी विद्यालयों पर दबाव भी कम हो सकता है। शिक्षा विभाग की ओर से वर्ष 2015-06 में एकीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यालयों को बंद किया गया था। तब से यह विद्यालय अभी तक बंद ही पड़े है। इन विद्यालयों का संचालन वापस शुरू कर दिया जाए तो आसपास के बालक बालिकाओं को निजी स्कूलों में और दूर के सरकारी विद्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा। कम होगा दबाव इन सरकारी विद्यालयों को पुन: शिक्षा के लिए खोलने पर आसपास के सरकारी विद्यालयों पर भी दबाव कम होगा। पास के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को बैठाने की जगह की कमी है। इससे परेशानी बनी हुई है। भवन होता जर्जर कई साल से स्कूल भवन बंद होने के कारण इनकी मरम्मत की ओर भी ध्यान नहीं दिया गया है। इस कारण इनके भवन भी जर्जर हो रहे है। राजकीय महाराजा उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन की दीवारों पर पेड़ उगे हुए है। इस भवन की मरम्मत किए जाने की आवश्यकता है। बच्चों को मिलेगा लाभ राजकीय विद्यालयों में प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया के चलते बच्चों की संख्या बढऩे लगी है। ऐसे में इन विद्यालयों की मरम्मत कर इनमे अध्यापन कार्य पुन: शुरू कर दिया जाए तो आसपास के बच्चों को लाभ मिलेगा। इन बच्चों को पढऩे के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे इन विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ जाएगी। वहीं निजी विद्यालयों में जाने वाले बच्चों की संख्या भी कम हो जाएगी।