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किशनगढ़ की बेटियां कब बनेगी गीता बबीता

locationकिशनगढ़Published: Jun 28, 2019 08:31:07 pm

Submitted by:

kali charan

प्रतियोगिताएं हो तो तैयार हो महिला पहलवानमहाविद्यालय में आधारभूत ढांचे का अभावप्रोत्साहन की दरकार, हो अधिकाधिक आयोजन

Kishangarh's daughters

किशनगढ़ की बेटियां कब बनेगी गीता बबीता

मदनगंज-किशनगढ़. उपखंड क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में महिला कुश्ती को भारी प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। इसके लिए प्रतियोगिताओं के आयोजन की भी कमी है। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन हो तो महिला पहलवानों को प्रोत्साहन मिले।
उपखंड क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में महिला कुश्ती और महिला जूड़ो उपेक्षित स्थिति में है। इससे संबंधित प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के आयोजन का अभाव है। इसके कारण बहुत कम छात्राएं अपने स्तर पर ही इन खेलों को अपना रही और आगे बढऩे के लिए संघर्ष कर रही है। इन छात्राओं का कहना है कि इन खेलों से संबंधित आधारभूत ढांचे और सुविधाओं का निर्माण किया जाए तो यहां की छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर भी खेलने के लिए जा सकती है और किशनगढ़ का नाम रोशन कर सकती है। राजकीय महाविद्यालय छात्रसंघ की महासचिव और खिलाड़ी कृष्णा सैन ने बताया कि इसके लिए अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं के आयोजन की जरूरत है। वहीं उपखंड स्तर पर भी कोच नहीं है। महाविद्यालय में भी पीटीआई नहीं है और अ?यास के लिए मैट भी नहीं है। इससे छात्राओं को परेशानी उठानी पड़ती है।
होगा सशक्तीकरण
महिला कुश्ती और महिला जूड़ो प्रारंभ होने से महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे अधिक से अधिक छात्राएं इसका प्रशिक्षण लेगी और अ?यास कर सकेगी। इससे छात्राओं का आत्?ाविश्वास बढ़ेगा। राजकीय विद्यालयों में छात्राओं को आत्?ारक्षा का प्रशिक्षण दिया जाने लगा है। इसी तरह महाविद्यालय स्तर पर भी छात्राओं के लिए इन खेलों को शामिल किया जाए और प्रतियोगिताओं का आयोजन हो तो छात्राओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
खेल कलेंडर में हो शामिल
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रशासन ने महर्षि दयानंद सरस्ववती विश्वविद्यालय के स्पोर्टस बोर्ड के सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में लिखा है कि छात्राओं की मांग और रूचि को देखते हुए अंर्तमहाविद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत कुश्ती एवं जूड़ों प्रतियोगिताओं को भी स?ि?ालित किया जाए। इन खेल प्रतियोगिताओं के प्रारंभ होने से छात्रा वर्ग में खेलों के प्रति और अधिक रूचि जागृत होगी। अत: सत्र 2019-20 से ही उपयुक्त प्रतियोगिताओं को खेल कलेंडर में स?ि?ालित कर प्रारंभ करवाया जाए।
इनका कहना है-
महिला कुश्ती को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को प्रतियोगिताओं को प्रारंभ करने के लिए पत्र लिखा गया है।
-सहदेव दान बारहठ, प्राचार्य, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, किशनगढ़।

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