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आप रोए नहीं, आप का बेटा मरा नहीं है

locationकिशनगढ़Published: Sep 04, 2019 03:47:39 pm

Submitted by:

kali charan

आप रोए नहीं, आप का बेटा मरा नहीं है, देश के लिए शहीद हुआ हैशहीद का शव लेकर पहुंचे नायब सूबेदार ने परिवार के सदस्यों से हाथ जोड़ कर किया आग्रह

आप रोए नहीं, आप का बेटा मरा नहीं है

आप रोए नहीं, आप का बेटा मरा नहीं है

मदनगंज-किशनगढ़.
शहीद हेमराज का शव लेकर घर पहुंचे नायब सूबेदार गंगाराम गेरा ने सभी से हाथ जोड़ कर ढांढस बंधाते हुए कहा कि आप कोई रोए नहीं, आप का बेटा मरा नहीं है, वो तो देश के लिए शहीद हुआ है और यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। यह बोलते हुए नायब सूबेदार गंगाराम गेरा भी सुबक पड़े, लेकिन उन्होंने अपनी आंख से आंसु नहीं गिरने दिया और सभी से हाथ जोड़ कर नहीं रोने के लिए विनती की।
जब सेना के जवान अपने साथी शहीद हेमराज जाट का शव कंधे पर लिए घर की दहलीज पर पहुंचे तो उनके आगे चल रहे नायब सूबेदार गंगाराम गेरा ने परिवार के सदस्यों को नहीं रोने का आग्रह किया। उन्होंने सभी सेे हाथ जोड़ कर कहा कि आपका बेटा और हमारा साथी मरा नहीं है, वो तो देश के लिए शहीद हुआ है। इसलिए रोना नहीं चाहिए यह तो हमारे सभी के लिए गर्व की बात है। यह बात सुन कर परिवार के कई सदस्य नायब सूबेदार से गले लग कर रोने लगे और नायब सूबेदार की भी आंखें नम हो गई।
सीज फायर का उल्लंघन कर किया धोखा
नायब सूबेदार गेरा ने बताया कि हेमराज काफी ईमानदार और बहादुर सिपाही था। वह काफी मुस्तैदी से अपना काम और ड्यूटी करता था। पूंछ सेक्टर में सीज फायर का उल्लंघन कर दुश्मन सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी और जबावी कार्रवाई में हेमराज ने भी फायरिंग की, लेकिन इसी दौरान दुश्मन सेना की एक गोली हेमराज के गले पर आकर लग गई। साथी सैनिकों ने उसे तत्काल श्रीनगर के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन यहां हेमराज ने अंतिम सांस ली।
दीपावली पर घर आऊंगा
भदूण गांव की सामली की ढाणी निवासी हेमराज दो महीनें पहले ही छुट्टी पर आया था और करीब एक महीनें तक छुट्टी पर गांव में रहा था। हेमराज ने मां दाखादेवी के मुहं में आगे की तरफ के नए दांत लगाने की बात कह कर ड्यूटी के लिए घर से रवाना हुआ था। तीन दिन पहले ही हेमराज ने मोबाइल पर मां दाखादेवी और पिता भोलूराम से बात कर हाल चाल जाने थे और खुद के सही होने की बात कही थी। इस दौरान हेमराज ने मा दाखादेवी से कहा कि वह दीपावली पर छुट्टी लेकर आऊंगा और आपके नए दांत भी लगवाऊंगा। मां दाखादेवी ने हेमराज को अपना याल रखने की बात कही थी। परिवार के सदस्य दीपावली के छुट्टी में घर आने पर ही हेमराज की सगाई तय करने की भी बातचीत कर रहे थे। लेकिन होनी को कुछ ओर ही मंजूर था और हेमराज 2 सितबर की रात को धोखे से की गई फायरिंग में दुश्मन सेना की गोली का शिकार होकर देश के लिए शहीद हो गया। गांव के साथी हरिराम गुर्जर ने बताया कि हेमराज क्रिकेट का शॉकिन था और वह जब भी छुट्टी पर गांव आता तो मैं, हेमराज, बजरंग जाट और गांव के अन्य साथियों के साथ क्रिकेट खेलता था।
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