बीज बैंक का यह प्रयोग शासकीय कला एवं वाणिज्य (नवीन) महाविद्यालय की हरियाली लाएं समिति द्वारा किया गया। बुधवार को कॉलेज परिसर में एक आयोजन कर इस बीज बैंक का शुभारंभ किया गया। बीज बैंक की शुरूआत प्राचार्य डॉ. राजीव चौबे ने की।
बीजों को धोकर संग्रहित करेंगे
बीज बैंक में आए बीजों को ऐसे नहीं छोड़ा जाएगा। इस बीज बैंक में जो बीज आएंगे उन्हें समय रहते धोकर सुखाया जाएगा। इनमें से इनकी प्रजाति पहचानकर उन्हें उगने लायक मौसम में जंगलों में फेंका जाएगा, ताकि जमा किए गए बीजों का सही उपयोग हो सके।
पर्यावरण संतुलन होगा
बीज बैंक बनाने का विचार पर्यावरण संतुलन के लिए आया। बीजों और जंगलों के प्रति विद्यार्थियों के साथ ही लोगों में चेतना जाग्रत की जा सके। लोगों में बीज को लेकर जागृति आएगी तो आने वाले समय में हमारे जंगल फिर समृद्ध होंगे और इनका लाभ सभी लोग ले सकेंगे।
प्रकृति हमारी जिम्मेदारी
कालेज के प्राचार्य डॉ. राजीव चौबे के अनुसार हम जिन बीजों को अब तक खाकर फेंक देते थे उनसे नए पौधे उगाने से रिसाइकिल की नई परंपरा शुरू होगी। इन बीजों को हम सहेजकर रखेंगे और इनसे एक बेतहर कल की शुरुआत करेंगे।