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केंद्र व बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में दान की अवार्ड रकम

locationकोलकाताPublished: Apr 17, 2020 09:29:03 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

13 वर्षीय अर्चिष्मान ने कम उम्र में पेश कर दी मानवता की मिसाल

13 years old boy donate his Prize money to Corona Combat

13 years old boy donate his Prize money to Corona Combat

कोलकाता.

कहा जाता है कि खुद के लिए जिए तो क्या जीना, दूसरों की खातिर जीना ही असली जिनदगी, इंसानियत है। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से जूझ रही है। केंद्र से लेकर विभिन्न राज्य सरकारें और गैर सरकारी संगठन अपने–अपने स्तर से हर संभव कोशिश कर रहे। वहीं महज 13 साल की उम्र में ही अर्चिष्मान नंदी ने कोरोना पीड़ितों के लिए अपनी पुरस्कार राशि दान कर मानवता की सच्ची मिसाल पेश कर डाली।

अर्चिष्मान ने अपनी पूरी पुरस्कार राशि कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में दान कर दी है। यह राशि उसने इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड और टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट’ में जीती थी। अर्चिष्मान ने प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में 1 हजार और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में 2 हजार दान किए।

उसके इस आर्थिक योगदान की राज्य सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव खालिद ए अनवर ने भी सराहना की है। खङग़पुर के सेंट एग्नेस स्कूल के 8वी क्लास के मेधावी छात्र अर्चिष्मान ने कहा कि छात्रों को सीखो, कमाओ और समाज को लौटाओ सिद्धांत पर यकीन कर आज की विषम परिस्थिति में जब देश संकट में हो अपनी क्षमता मुताबिक योगदान करना चाहिए। उसने कहा कि

वैसी शिक्षा का कोई मोल नहीं जो संकट की घङी मे बेसहारो, जरूरतमंदों के काम न आए। दूसरों को प्रभावित न करे और जरूरतमंदों के काम न आए। अर्चिष्मान ने 2019-20 में इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड में 100 में 100 अंक हासिल कर रैंक-1 हासिल किया था। श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल समेत 14 देशों के छात्रों के बीच विजेता के रूप में उसे 2 हजार मिले थे। इसके साथ ही टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट में 2017 से 2019 तक लगातार 3 बार वह टॉप रहा और पुरस्कार में 1 हजार मिले।

जिसे प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में दान कर दिया। उल्लेखनीय है कि गणित, विज्ञान, तर्क, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, साइबर और सूचना विज्ञान में असाधारण प्रदर्शन के साथ 70 ओलंपियाड और प्रतियोगी परीक्षाओं में वह सफल हो चुका है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से 13 साल से कम उम्र में सर्वाधिक अकादमिक टेस्ट क्वालीफाई के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। उसके पिता मिठुन नंदी एक फर्मास्युटिकल कंपनी में असिस्टेंट जनरल सेल्स मैनेजर हैं, जबकि मां अनिंदिता माइती नंदी विद्यासागर यूनिवर्सिटी, मेदिनीपुर में टेक्निकल असिस्टेंट हैं।

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