अर्चिष्मान ने अपनी पूरी पुरस्कार राशि कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में दान कर दी है। यह राशि उसने इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड और टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट’ में जीती थी। अर्चिष्मान ने प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में 1 हजार और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में 2 हजार दान किए।
उसके इस आर्थिक योगदान की राज्य सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव खालिद ए अनवर ने भी सराहना की है। खङग़पुर के सेंट एग्नेस स्कूल के 8वी क्लास के मेधावी छात्र अर्चिष्मान ने कहा कि छात्रों को सीखो, कमाओ और समाज को लौटाओ सिद्धांत पर यकीन कर आज की विषम परिस्थिति में जब देश संकट में हो अपनी क्षमता मुताबिक योगदान करना चाहिए। उसने कहा कि
वैसी शिक्षा का कोई मोल नहीं जो संकट की घङी मे बेसहारो, जरूरतमंदों के काम न आए। दूसरों को प्रभावित न करे और जरूरतमंदों के काम न आए। अर्चिष्मान ने 2019-20 में इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड में 100 में 100 अंक हासिल कर रैंक-1 हासिल किया था। श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल समेत 14 देशों के छात्रों के बीच विजेता के रूप में उसे 2 हजार मिले थे। इसके साथ ही टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट में 2017 से 2019 तक लगातार 3 बार वह टॉप रहा और पुरस्कार में 1 हजार मिले।
जिसे प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में दान कर दिया। उल्लेखनीय है कि गणित, विज्ञान, तर्क, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, साइबर और सूचना विज्ञान में असाधारण प्रदर्शन के साथ 70 ओलंपियाड और प्रतियोगी परीक्षाओं में वह सफल हो चुका है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से 13 साल से कम उम्र में सर्वाधिक अकादमिक टेस्ट क्वालीफाई के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। उसके पिता मिठुन नंदी एक फर्मास्युटिकल कंपनी में असिस्टेंट जनरल सेल्स मैनेजर हैं, जबकि मां अनिंदिता माइती नंदी विद्यासागर यूनिवर्सिटी, मेदिनीपुर में टेक्निकल असिस्टेंट हैं।