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15 अगस्त स्वाधीनता दिवस या विभाजन दिवस- इंद्रेश कुमार

locationकोलकाताPublished: Apr 14, 2018 11:59:17 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

– संघ प्रचारक ने कहा कांग्रेस ने किया देश को विभाजित

kolkata
– संघ प्रचारक ने कहा कांग्रेस ने किया देश को विभाजित
कोलकाता. राष्ट्रीय स्वयं संघ के वरिष्ठ प्रचारक व अखिल भारतीय मुस्लिम मंच के संस्थापक इंद्रेश कुमार ने 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस की बजाए विभाजन दिवस कहा। कांग्रेस के आजादी दिलाने के दावे को गलत बताया और कहा कि कांग्रेस ने देश को स्वाधीनता नहीं दी बल्कि विभाजित किया। इसके समर्थन में उन्होंने दावा किया कि 1947 में डाक्यूमेंट ऑफ इंडिपेंडेंस की जगह डाक्यूमेंट ऑफ पार्टिशन हस्ताक्षरित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि १४ अप्रेल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली आजाद हिंद फौज ने पूर्वोत्तर भारत में तिरंगा फहरा कर देश को स्वतंत्र घोषित करते हुए दिल्ली चलो का नारा भी दे दिया था। नेताजी को 9 देशों ने भारत का पहला राष्ट्रपति और 11 देशों ने सेना प्रमुख के रूप में मान्यता भी दे दी थी।
महानगर कोलकाता में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की मौजूदगी में संघ प्रचारक ने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने देश विभाजन के लिए अपनी जान नहीं दी थी। भगत सिंह, खुदीराम बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने अलग ढाका या लाहौर के लिए अपने प्राण का बलिदान नहीं था। यही कारण था कि 15 और 16 अगस्त 1947 को दिल्ली में आयोजित समारोह में कई बड़े कांग्रेसी नेता नहीं पहुंचे थे। कार्यक्रम में न तो महात्मा गांधी गए थे, न ही बाबा साहेब अंबेडकर न ही कृपलानी और विनोबा भावे जैसे नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। विभाजन की त्रासदी सामने रखते हुए संघ प्रचारक ने कहा कि देश विभाजन के समय 3 करोड़ लोग बेघर हुए थे, भारत में ही 10 लाख लाशें गिनी गईं थीं, 4 लाख महिलाओं ने इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या का रास्ता चुना था, 17 सौ से ज्यादा धार्मिक स्थान तोड़े गए थे। 6 लाख लोगों का धर्मांतरण हुआ था।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि 70 साल से हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मना रहे हैं। प्रशासनिक और राजनीतिक रूप में इस दिवस को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में आगे भी मनाते रहेंगे।
बाल्मिकी से बाबा साहेब तक का सफर

संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि 13 लाख वर्ष पहले जब भगवान राम को जब अपनी कथा लिखानी थी तो वे सप्तनीक वाल्मिकी के पास आए। खुद का वनवास लिखाया, सीताहरण की बात लिखाई जब उनसे पूछा गया कि आप ऐसा क्यों लिखा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसी कथा से मनुष्यों का करोड़ों वर्षों तक मार्ग प्रशस्त होगा। 52 सौ वर्ष पूर्व जब नारी के सम्मान के लिए कुरुक्षेत्र में 23 लाख लाशें बिछीं तब गीता का संदेश धारण करने के लिए वेद व्यास सामने आए। उन्होंने ब्रहमांड में सूर्य की ऊर्जा से सौ गुणा ज्यादा प्रदीप्त पुंज और प्रकाश की सौ गुना गति से प्रसारित हो रहे संदेशों को डिकोड किया और लिखने का काम किया गणेश ने। वेद व्यास विश्व के पहले न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे। ठीक उसी तरह 70 साल पहले जब विश्व का सबसे बड़ा संविधान लिखने की बात आई तो पूरे देश ने बाबा साहेब को स्वीकृत किया। कांग्रेस पर प्रहार करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान तैयार किया उसमें एक निशान, एक विधान की बात कही लेकिन कांग्रेस ने तुरंत कश्मीर के मसले पर संविधान में बदलाव कर दिया।
आक्रांताओं को इतिहास का हिस्सा बनाना गलत
इंद्रेश कुमार ने कहा कि विदेशी आंक्राताओं को देश के इतिहास का हिस्सा बनाना गलत है। इतिहास में ऐसे आक्रांताओं के खिलाफ धर्म, समाज, राज्य की रक्षा करने वाले शहीदों को स्थान देना चाहिए।
बंगाल आए राष्ट्रवाद के साथ
सभा में आए लोगों से संघ प्रचारक ने कहा कि बंगाल ने पिछले ७० सालों के दौरान अलग अलग विचारधाराओं का साथ दिया है अब उसे राष्ट्रवादियों के साथ आना होगा। संघ प्रचारक ने बताया कि एक बार अनौपचारिक चर्चा में किसी ने प्रणव मुखर्जी से पूछा कि आप पहले बांग्लाभाषी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं तो इसपर उन्होंने कहा था कि आप आजादी से पहले या बाद की बात कर रहे हैं। उनका इशारा नेताजी की ओर था।
बेटी की इज्जत पर बंद करें राजनीति
देश में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों की इज्जत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बेटे बेटियों के नाम पर जन्म के समय ही बैंक अकाउंट खोलने की परंपरा शुरू करनी चाहिए।
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