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बदले गए कलकत्ता हाईकोर्ट के 2 न्यायाधीश

locationकोलकाताPublished: Dec 17, 2020 11:19:53 pm

Submitted by:

Krishna Das Parth

हुई पदोन्नति

बदले गए कलकत्ता हाईकोर्ट के 2 न्यायाधीश

बदले गए कलकत्ता हाईकोर्ट के 2 न्यायाधीश

कोलकाता . सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की रूटीन बदली की गई है। जिसमें न्यायाधीश जयमाल्य बागची और न्यायाधीश संजीव बनर्जी शामिल हंै। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम आदेश हाईकोर्ट को भेजा गया है। न्यायाधीश संजीव बनर्जी को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं इसके पहले न्यायाधीश दीपकंर दत्त को भी मुम्बई हाईकोर्ट का प्रमुख न्यायाधीश पद पर भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के जजों को प्रोन्नति देते हुए मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश भी की है। कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एस मुरलीधर को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। दिल्ली की न्यायमूर्ति हिमा कोहली को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश, कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।
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पानी के दुरुपयोग को कम करने के उपाय
अब दक्षिण कोलकाता में लगाया जाएगा वाटर मीटर (हैडिंग )
– कोलकाता नगर निगम

कोलकाता
कोलकाता नगर निगम की ओर से दक्षिण कोलकाता के पांच वार्डों में पानी के मीटर स्थापित करेगा। प्राथमिक रूप में वाटर मीटर वार्ड नं 101, 102, 107, 108 और 110 में स्थापित किए जाएंगे। उत्तर कोलकाता के वार्ड 1 से 6 में पहले ही वाटर मीटर लगाए जा चुके हैं। हमने पहले से ही इन वार्डों में सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है जिसमें जल आपूर्ति नेटवर्क, जनसंख्या, स्थलाकृति और औसत फ्लोटिंग आबादी का हिसाब किताब शामिल है। निगम सूत्रों ने बताया कि घरों में मीटर ही नहीं लगाए जाएंगे। ब्लॉक मीटरों को पाइपलाइन के साथ रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया जाएगा। कोलकाता में कुल जलापूर्ति पाइपलाइन 8,000 किमी के क्षेत्र को कवर करती है। उत्तर कोलकाता में केएमसी में 18000 पानी के मीटर होने चाहिए, जिनमें से 10000 पहले ही लगाए जा चुके हैं। कोलकाता जैसे बड़े शहरों में दैनिक जल अपव्यय कुल आपूर्ति का 15 प्रतिशत है।यहां पानी का अपव्यय अधिक है। हम यह भी पता लगाएंगे कि पानी कैसे और क्यों बर्बाद हो रहा है। यदि यह वितरण की समस्याओं, पाइपलाइन रिसाव या अन्य तकनीकी कारणों से पाया जाता है, तो उपाय किए जाएंगे।
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