script‘स्विमिंग पूल में रोजाना 30 मिनट और जोड़ों के दर्द से रहें दूर’ | 30 minutes in swimming pool n keep away from joint--knee pain | Patrika News

‘स्विमिंग पूल में रोजाना 30 मिनट और जोड़ों के दर्द से रहें दूर’

locationकोलकाताPublished: Nov 16, 2018 10:49:14 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

ओसवाल भवन में निशुल्क ज्वाइंट नी परीक्षण—-विश्वविख्यात जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. धीरज मरोठी जैन ने कहा मोटापा सबसे बड़ी बीमारी–महिलाओं को किचेन में 12 घंटे से ज्यादा खड़े न होने की दी सलाह—अहमदाबाद के एशियन बैरियाट्रिक अस्पताल के आर्थोपेडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के एचओडी-सह-डायरेक्टर हैं जैन

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‘स्विमिंग पूल में रोजाना 30 मिनट और जोड़ों के दर्द से रहें दूर’

कोलकाता. मोटापा सबसे बड़ी बीमारी है और जोड़ों के दर्द सहित घुटने के रोग का यह सबसे बड़ा कारण है। स्विमिंग एक बेस्ट एक्सरसाइज है और स्विमिंग पूल में रोजाना 30 मिनट तैरने से जोड़ों के दर्द से दूर रहा जा सकता है। ओसवाल नवयुवक समिति ट्रस्ट की ओर से ओसवाल नवयुवक समिति, ओसवाल स्पोर्टस क्लब, महावीर इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च और बालिका विद्या भवन के सहयोग से शुक्रवार को ओसवाल भवन में आयोजित निशुल्क ज्वाइंट नी चेक अप कैंप के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विश्वविख्यात जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन और अमेरिका, ब्रिटेन से प्रशिक्षित डॉ. धीरज मरोठी जैन ने यह बात कही। घुटने में क्या-क्या खराबी हो सकती है? 50 साल की आयु के बाद सीढिय़ां चढऩे में परेशानी आदि पर विस्तार से जानकारी देते हुए जैन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीयों की यह खास आदत है कि जबतक अंत न हो तब तक डॉक्टर को दिखाते रहो। ओसवाल भवन में उपस्थित घुटना रोग के शिकार मरीजों को संबोधित करते हुए जैन ने कहा कि हम बढ़ती उम्र के साथ होने वाली परेशानियों को तो नहीं बदल सकते, पर अपनी जीवन शैली में बदलाव कर रोगों से मुक्ति जरूर पा सकते हैं। एक खास उम्र के बाद जोड़ों में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है, इसलिए लंबे समय तक खड़ा रहना नुकसानदेह साबित हो सकता है। खासकर महिलाओं को उन्होंने किचेन में 12 घंटे से ज्यादा खड़े होकर रसोई बनाने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जोड़ों के दर्द से पीडि़तों को सीढ़ी के स्थान पर लिफ्ट का सहारा लेना चाहिए। आज के हाईटेक युग में स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल और युवा पीढ़ी में इसकी बढ़ती लत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल के कारण 10 साल बाद भारत का भविष्य खतरे में होगा। खासकर सबसे ज्यादा असर युवाओं पर होगा। उन्होंने गर्दन को झुकाकर कोई काम न करने, ऐसे पोज में फोन पर बात करने से बचने, ऑफिस में कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान सीधे बैठने, स्कूली बच्चों के स्कूल बैग के हद से ज्यादा वजनी होने, जंकफूड और चाय की ज्यादा लत से बचने की सलाह दी। जोडो़ं के दर्द का मुख्य कारण मोटापा, शारीरिक काम न करना, व्यायाम से परहेज, गलत जीवन शैली और जंकफूड के इस्तेमाल को बताया। रोजाना 2 से 3 किलोमीटर चलने को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर मोटापा कम होगा तो कैलोरी बर्न होगी, जिससे घुटने और जोड़ों के दर्द से बचाव हो सकेगा।
ज्वाइंट नी चेक अप कैंप में 125 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जिसमें ४० फीसदी महिलाएं थीं। जाने-माने घुटना रोग विशेषज्ञ डॉ. जैन ने कैंप में मरीजों की जांच-पड़ताल कर उचित परामर्श दिया। एशियन बैरियाट्रिक अस्पताल के डॉ. जैन अबतक 10 हजार से ज्यादा नी एंड हिप रिप्लेसमेंट सफलतापूर्वक कर चुके हैं। ज्वाइंट नी चेक अप कैंप को सफल बनाने में ओसवाल नवयुवक समिति के चेयरमैन शार्दुल सिंह जैन, मैनेजिंग ट्रस्टी संतोष कुमार दुगड़, ट्रस्टी अभय सिंह सुराणा, अशोक कोठारी, कमल सिंघी, कन्हैयालाल बांठिया, ओसवाल स्पोर्टस क्लब के सचिव डॉ. अनुराग नोपानी, डॉ. पार्थ चटर्जी, फिजियो राजेश करनानी, अनुराधा बाफना, दिव्या बाफना आदि सक्रिय रहे।
—बीकानेर के नोखा में जन्मे जैन हैं विजिटिंग सर्जन
बीकानेर के नोखा में जन्मे डॉ. जैन बतौर एक विजिटिंग सर्जन के साथ ही एसजीवीपी अस्पताल, अहमदाबाद, राजस्थान अस्पताल, अहमदाबाद, आरबीएच सीके बिड़ला समूह अस्पताल, जयपुर में एक वरिष्ठ लेक्चरर भी हैं। बहुत ही कम समय में कुल घुटने रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए एक विशेष प्रोटोकॉल विकसित किया है। यह रोगी को कई फायदे प्रदान करता है, जिसे न्यूनतम प्रोटोकॉल टीकेआर कहा जाता है। रोगी ऑपरेशन के तुरंत बाद चल सकता है और कुछ माह बाद रोगी लगभग सभी गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकता है।
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