scriptबंगाल के कई कॉलेजों की 40-50 फीसदी सीटें खाली–বাংলার অনেক কলেজে ৪০-৫০ শতাংশ আসন খালি রয়েছে | 40-50 percent seats in many colleges of Bengal are vacant | Patrika News

बंगाल के कई कॉलेजों की 40-50 फीसदी सीटें खाली–বাংলার অনেক কলেজে ৪০-৫০ শতাংশ আসন খালি রয়েছে

locationकोलकाताPublished: Oct 31, 2020 11:17:51 pm

Submitted by:

Krishna Das Parth

कलकत्ता विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया समाप्त-कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई परिस्थिति

बंगाल के कई कॉलेजों की 40-50 फीसदी सीटें खाली--বাংলার অনেক কলেজে ৪০-৫০ শতাংশ আসন খালি রয়েছে

बंगाल के कई कॉलेजों की 40-50 फीसदी सीटें खाली–বাংলার অনেক কলেজে ৪০-৫০ শতাংশ আসন খালি রয়েছে

कोलकाता . शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए स्नातक स्तर के कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) में पूरी हो चुकी है। सीयू के अधिनस्थ विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यों ने आशंका व्यक्त की है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में अभी भी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए यदि विद्यार्थियों को वहां मौका मिलेगा तो वे वहां चले जा सकते हैं। वहीं कई कॉलेजों में सीटें खाली रह गयी हैं, जिनके भरने की उम्मीदें भी कम ही दिख रही हैं।
इस वर्ष 10 अगस्त से राज्य के सभी कॉलेज-विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर के दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई थी। राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार 30 अक्टूबर तक दाखिले की प्रक्रिया को संपूर्ण कर लेना था। बेथुन कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज के सभी विभागों में कुल 557 सीटों में से 519 सीटों पर छात्राओं ने दाखिला ले लिया है। इसका कारण बताते हुए कहा जा रहा है कि बेथुन कॉलेज की फीस अन्य सरकारी कॉलेजों की तुलना में काफी कम है। इसलिए निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों की छात्राएं बेथुन कॉलेज को ही पसंद करती हैं। कुछ विषय जैसे संस्कृत, हिन्दी में हर साल कम छात्राएं दाखिला लेती हैं। हमारे कॉलेज में सर्वाधिक सीटें संस्कृत (22 सीटें) की ही खाली है। बाकि विभागों में 1-2 सीटें ही खाली है।
मिली जानकारी के अनुसार लेडी ब्रेबॉर्न कॉलेज की कुल 700 सीटों में से अधिकांश सीटें भर चुकी हैं। संस्कृत, फारसी व हिन्दी जैसे कुछ विषयों की सीटें हर साल खाली रह जाती हैं। इस साल भी इन्हीं विषयों की सीटें खाली हैं। सीयू के अधिनस्थ अन्य कॉलेजों की तुलना आशुतोष कॉलेज व बासंतीदेवी कॉलेज की स्थिति काफी अलग है।
आशुतोष कॉलेज में प्रथम वर्ष स्नातक कोर्स के लिए करीब 2700 सीटें हैं, जिसमें से अभी तक करीब 800 सीटें खाली हैं। बताया जाता है कि डि-रिजर्वेशन के बाद जब विज्ञापन निकाला गया था उसके बाद भी काफी कम संख्या में विद्यार्थियों ने आवेदन किया था।
यह पूरी तरह से कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थिति है। वर्तमान परिस्थिति में अभिभावक बच्चों को दूर के कॉलेजों में नहीं भेज रहे हैं। उसी प्रकार बासंतीदेवी कॉलेज अधिकांश सीटें खाली ही हैं। अभी तक कॉलेज की 40-50 फीसदी सीटें खाली ही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो