नाक के नीचे गोरखधंधा, निगम बेखबर
कोलकाता नगर निगम मुख्यालय की नाक के नीचे न्यूमार्केट इलाका है, फिर भी निगम अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। गौर करने वाली बात यह है कि निगम के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर न्यूमार्केट तथा उसके आस-पास के इलाकों में अभियान चलाते थे। माना जा रहा है कि निगम की लैबोरेटरी में अत्याधुनिक मशीनों अथवा स्वास्थ्य अधिकारियों की कमी के कारण यह मामला पकड़ा में नहीं आया। निगम ने अब सभी होटल, रेस्तरां और बाजारों से पके और कच्चे मीट के नमूनों को संग्रह कर जांच के लिए भेजा है। निगम सूत्रों के अनुसार इसकी रिपोर्ट २ सप्ताह बाद मिलेगी।
कोलकाता नगर निगम मुख्यालय की नाक के नीचे न्यूमार्केट इलाका है, फिर भी निगम अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। गौर करने वाली बात यह है कि निगम के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर न्यूमार्केट तथा उसके आस-पास के इलाकों में अभियान चलाते थे। माना जा रहा है कि निगम की लैबोरेटरी में अत्याधुनिक मशीनों अथवा स्वास्थ्य अधिकारियों की कमी के कारण यह मामला पकड़ा में नहीं आया। निगम ने अब सभी होटल, रेस्तरां और बाजारों से पके और कच्चे मीट के नमूनों को संग्रह कर जांच के लिए भेजा है। निगम सूत्रों के अनुसार इसकी रिपोर्ट २ सप्ताह बाद मिलेगी।
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विश्वनाथ के बैंक खाते पर नजर जांच में जुटी पुलिस को विश्वनाथ के कई बैंक अकाउंट के बारे में पता चला है। दो अकाउंट उसके नाम पर हैं और बाकी के अकाउंट विश्वनाथ ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर खोल रखे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार विश्वनाथ ने भवानीपुर स्थित दो राष्ट्रीय बैंक की शाखाओं के दो अकाउंट में लगभग करोड़ों रुपए जमा कर रखे हैं। वहीं उसने अपनी दोनों पत्नियों, पुत्र और दामाद के नाम पर भी अकाउंट खोल रखा है। पुलिस इन सभी अकाउंट के दस्तावेजों को हसिल करने की कोशिश कर रही है। साथ ही जांच में पुलिस को पता चला है कि इस गोरखधंधे में विश्वनाथ के पुत्र और दामाद, अन्य रिश्तेदार भी शामिल थे। ये सभी विश्वनाथ की गिरफ्तारी के बाद से ही फरार है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
(कार्यालय संवाददाता)
विश्वनाथ के बैंक खाते पर नजर जांच में जुटी पुलिस को विश्वनाथ के कई बैंक अकाउंट के बारे में पता चला है। दो अकाउंट उसके नाम पर हैं और बाकी के अकाउंट विश्वनाथ ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर खोल रखे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार विश्वनाथ ने भवानीपुर स्थित दो राष्ट्रीय बैंक की शाखाओं के दो अकाउंट में लगभग करोड़ों रुपए जमा कर रखे हैं। वहीं उसने अपनी दोनों पत्नियों, पुत्र और दामाद के नाम पर भी अकाउंट खोल रखा है। पुलिस इन सभी अकाउंट के दस्तावेजों को हसिल करने की कोशिश कर रही है। साथ ही जांच में पुलिस को पता चला है कि इस गोरखधंधे में विश्वनाथ के पुत्र और दामाद, अन्य रिश्तेदार भी शामिल थे। ये सभी विश्वनाथ की गिरफ्तारी के बाद से ही फरार है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
(कार्यालय संवाददाता)