scriptममता बनर्जी के धरने में शामिल 5 आईपीएस अधिकारियों पर गिरेगी गाज! | Action against five IPS officers involved in the dharnia of WB's CM | Patrika News

ममता बनर्जी के धरने में शामिल 5 आईपीएस अधिकारियों पर गिरेगी गाज!

locationकोलकाताPublished: Feb 07, 2019 10:22:07 pm

– गृह मंत्रालय मेडल वापस लिए लेने की तैयारी में-लगाई जा सकती है केन्द्र सरकार में सेवा देने पर रोक, हटाया जा सकता इंपैनल्ड लिस्ट से नाम

Kolkata West bengal

ममता बनर्जी के धरने में शामिल 5 आईपीएस अधिकारियों पर गिरेगी गाज!

कोलकाता

केन्द्र सरकार सीबीआई प्रकरण पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने में शामिल हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल के डीजीपी वीरेंद्र, कोलकाता पुलिस एडीजी विनीत कुमार, एडीजी अनुज शर्मा, विधाननगर के पुलिसकमिश्नर ज्ञानवंत सिंह और कोलकाता पुलिस के एडिशनल कमिश्नर सुप्रतिम सरकार पर सर्विस रूल के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को इनके खिलाफ जांच तथा कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही इनके मेडल वापस लेने तथा केन्द्र सरकार में सेवा देने पर रोक लगाने के संबंध में विचार कर रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं केंद्र सरकार इन अधिकारियों के नाम इंपैनल्ड लिस्ट से हटा सकती है। पिछले रविवार को सीबीआई की टीम चिट फंड मामले में पूछताछ करने कोलकाता पुलिस के कमिश्रर राजीव कुमार के घर पहुंची थी। इस दौरान सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस हिरासत में लेकर जबरन थाने में ले गई थी। इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में उतरीं और धर्मतल्ला में धरने पर बैठ गई थीं। उस समय राजीव कुमार के साथ उक्त सभी आईपीएस अधिकारी उपस्थित थे। गृह मंत्रालय का कहना है कि राजनैतिक धरने में शामिल होकर उक्त आईपीएस अधिकारियों ने सर्विल रूल का उल्लंघन किया है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही आईपीएस अधिकारियों के धरने में शामिल होने के आरोप को झूठा बता चुकी हैं। मंगलवार को धरना समाप्ति के समय ममता बनर्जी ने कहा था कि कोलकाता पुलिस के कमिश्रर अथवा कोई भी पुलिस अधिकारी धरने में शामिल नहीं हुआ था। सभी अपने कर्तव्य का पालन करने धरना स्थल पर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करना उनका कर्तव्य है।
सूत्रों के अनुसार गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रकरण पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने रिपोर्ट मांगी थी। राज्य पाल ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। गृह मंत्रालय ममता बनर्जी के धरने में उक्त पुलिस अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच के बाद उक्त निर्णय लिया है।
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