मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर सीबीआई कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार देते हुए कहा कि सीबीआई बिना वारंट के कैसे कोई कार्रवाई कर सकती है। केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पुलिस आयुक्त, फिर मुख्य सचिव उसके बाद उनके घर में सीबीआई आएगी। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि वे केन्द्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती देती हैं। साथ ही पूरे घटनाक्रम को संवैधानिक संकट बताते हुए इसके लिए केन्द्र सरकार को दोषी ठहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त पर लाखों लोगों की सुरक्षा जिम्मेवारी है। यदि उनपर कार्रवाई के लिए सीबीआई के अधिकारी चुपचाप कार्रवाई करेंगे तो शहर की सुरक्षा का क्या होगा। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार दुनिया के सबसे अच्छा आईपीएस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ सीबीआई कार्रवाई संविधान, पुलिस बल और लोकतंत्र पर आघात है। प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते उन्हें सुरक्षा देना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। देश बचाने के लिए मोदी और शाह को हटाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ देश भर में आंदोलन करना होगा। इससे पहले इस दिन शाम ममता बनर्जी पुलिस आयुक्त के घर पर पहुंच गई। वहां कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और आला पुलिस अधिकारी पहुंचे, जहां बैठक आयोजित हुई। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन कर ममता बनर्जी ने सीबीआई के सीक्रेट ऑपरेशन को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए उसे बंगाल को बदनाम करने और राज्य पर अत्याचार करार दिया। इसके विरोध में लोकतंत्र बचाओ धरने में बैठने की घोषणा की। धरना स्थल पर ममता बनर्जी के साथ पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के अलावा राज्य के सभी आला पुलिस अधिकारी के साथ ही बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस केनेता, मंत्री और कार्यकतार्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त पर लाखों लोगों की सुरक्षा जिम्मेवारी है। यदि उनपर कार्रवाई के लिए सीबीआई के अधिकारी चुपचाप कार्रवाई करेंगे तो शहर की सुरक्षा का क्या होगा। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार दुनिया के सबसे अच्छा आईपीएस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ सीबीआई कार्रवाई संविधान, पुलिस बल और लोकतंत्र पर आघात है। प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते उन्हें सुरक्षा देना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। देश बचाने के लिए मोदी और शाह को हटाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ देश भर में आंदोलन करना होगा। इससे पहले इस दिन शाम ममता बनर्जी पुलिस आयुक्त के घर पर पहुंच गई। वहां कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और आला पुलिस अधिकारी पहुंचे, जहां बैठक आयोजित हुई। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन कर ममता बनर्जी ने सीबीआई के सीक्रेट ऑपरेशन को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए उसे बंगाल को बदनाम करने और राज्य पर अत्याचार करार दिया। इसके विरोध में लोकतंत्र बचाओ धरने में बैठने की घोषणा की। धरना स्थल पर ममता बनर्जी के साथ पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के अलावा राज्य के सभी आला पुलिस अधिकारी के साथ ही बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस केनेता, मंत्री और कार्यकतार्य उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि 19 जनवरी को ब्रिगेड रैली के बाद से ही सीबीआई ने हमारे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। हम पर दबाव डाला जा रहा था, लेकिन हमने सुना नहीं। प्रधानमंत्री ने शनिवार को कैसी भाषा में धमकी दी थी। वे सौजन्यबोध को ताक पर रख रहे हैं। वे जानते है कि 2019 में भाजपा समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने चिटफंड घोटालेबाजों को गिरफ्तार किया। जांच के लिए एसआईटी बनाई। जिसमें राजीव कुमार भी थे। सीबीआई एसआईटी के पास मौजूद जांच सामाग्री को नष्ट कर रही है। केन्द्र बदले की कार्रवाई करवा रही है। उनके ७२ वर्षीय सहायक से सीबीआई पूछताछ कर रही है। सुदीप बंद्योपाध्याय, तापस राय, समेत कई लोगों को महीनों प्रताडि़त किया गया, जबकि भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो और प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। राज नौ बजे पहुंची धरनास्थल
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने चिटफंड घोटालेबाजों को गिरफ्तार किया। जांच के लिए एसआईटी बनाई। जिसमें राजीव कुमार भी थे। सीबीआई एसआईटी के पास मौजूद जांच सामाग्री को नष्ट कर रही है। केन्द्र बदले की कार्रवाई करवा रही है। उनके ७२ वर्षीय सहायक से सीबीआई पूछताछ कर रही है। सुदीप बंद्योपाध्याय, तापस राय, समेत कई लोगों को महीनों प्रताडि़त किया गया, जबकि भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो और प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। राज नौ बजे पहुंची धरनास्थल
पुलिस कमिश्नर के आवास के सामने संवाददाता सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री रात 9 बजे मेट्रो चेनल पहुंच गई। जहां उनका धरना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र, संघीय ढाचा और संविधान को बचाने के लिए धरने पर बैठ रही हैं।
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि
वे बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर धरने पर बैठी है या तृणमूल कांग्रेस प्रमुख होने की हैसियत से धरना दे रही हैं।