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आधुनिकता अपनाएं, लेकिन विरासत का भी रखें ध्यान

locationकोलकाताPublished: Apr 14, 2018 11:06:57 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की गोष्ठी

kolkata west bengal
कोलकाता. समाज में आर्थिक सम्पन्नता आई है, लेकिन हम चारित्रिक रूप से विपन्न होते जा रहे हैं। आज हमारे समाज के लिए आधुनिकता के साथ कैसे सांस्कृतिक-मानवीय मूल्यों को बचा कर रखा जा सके, यह एक विचारणीय विषय है। हमारी जिम्मेदारी और भी बड़ी है, क्योंकि मारवाड़ी समाज देश के अग्रणी समाजों में से है और हमारे क्रियाकलापों का प्रभाव अन्य समाजों पर भी पड़ेगा। सुप्रसिद्ध उद्योगपति समाजसेवी डॉ. बि_ल दास मूंधड़ा ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की विशिष्ट संरक्षक सदस्य मिलन गोष्ठी में शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। हिन्दुस्तान क्लब में आयोजित गोष्ठी में उन्होंने कहा कि उम्र के साथ दृष्टि भी बदलती है। विजुअल, सोशल मीडिया, आईटी आदि के कारण आज समाज तेजी से बदल रहा है। ऐसे में हमें भी इनका प्रयोग अपने सामाजिक कार्यक्रमों में करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि उद्योगपति-समाजसेवी श्याम सुन्दर बेरिवाल ने सम्मेलन के संगठन-विस्तार पर हर्ष जताते हुए कहा कि गत १० साल का समय सम्मेलन का स्वर्णिम युग रहा है। स्वागत वक्तव्य में सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रह्लाद राय अगरवाला ने सम्मेलन के संगठन-विस्तार और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए किशोर-किशोरी, युवक-युवतियां महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वही समाज का भविष्य हैं। हमारा दायित्व यह है कि हम हर सम्भव प्रयास करें कि वे अपनी सभ्यता-संस्कृति और विरासत के प्रति भी जागरूक रहें। पारम्परिक गुणों को बचाकर रखें और बुराइयों को समाज में न आने दें। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामअवतार पोद्दार ने सम्मेलन के इतिहास, पृष्ठभूमि एवं कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र में वैवाहिक कार्यक्रमों में मद्यपान निश्षेध का कार्यक्रम बहुत सटीक एवं समाजोपयोगी है। सभी वक्ताओं ने सम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष सर्राफ को सम्मेलन के अगले सत्र के लिए सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी। राजेन्द्र खण्डेलवाल, नंदकिशोर अग्रवाल, बाबूलाल धनानिया, संतोष जैन, भानीराम सुरेका, रमेश नांगलिया और देव कुमार सर्राफ ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन राष्ट्रीय महामंत्री शिवकुमार लोहिया ने किया। संयुक्त महामंत्री दामोदर प्रसाद बिदावतका, आत्माराम सोन्थलिया, बालकृष्ण डालमिया, नंदलाल सिंघानिया, गोपाल अग्रवाल, कुंज बिहारी अग्रवाल, हरिप्रसाद बुधिया, दीन दयाल गुप्ता, सम्पतमल बच्छावत व सीताराम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
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