तिनके जैसा भी नहीं कर सका असर श्रद्धालुओं पर तितली
कोलकाताPublished: Oct 12, 2018 10:51:16 pm
बूंदाबादी के बावजूद महानगरवासियों ने की जमकर खरीदारी—-महिलाओं सहित बुजुर्गों में भी दिखा उमंग-उत्साह— युवक-युवतियों ने ली जमकर सेल्फी
तिनके जैसा भी नहीं कर सका असर श्रद्धालुओं पर तितली
कोलकाता. रौनक, रोशनी और भक्ति के रंग में कण-कण में रचा-बसा कोलकाता मौसम की मार को दरकिनार कर पूजा के उल्लास में डूब गया है। इसकी झलक शुक्रवार को बूंदाबांदी के बावजूद बाजारों में पूजा के मद्देनजर उमड़ी भीड़ में नजर आई। पूरे देश में अपने खास अंदाज में मनाए जाने वाले कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव के उमंग-उल्लास में डूबे महानगरवासियों पर आंध्र प्रदेश और ओडिशा में तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान तितली भी कोई असर नहीं डाल सका। हालांकि तितली के प्रभाव से पिछले 2 दिनों से बंगाल के दक्षिणी जिलों के साथ-साथ कोलकाता में भी गुरुवार से शुक्रवार शाम तक बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। इसके बावजूद शुक्रवार को कोलकाता के विधान सरणी, एमजी रोड, सेंट्रल, सियालदह, धर्मतल्ला और बड़ा बाजार आदि स्थानों में दुकानों में भारी संख्या में खरीददार उमड़ पड़े। 10 अक्टूबर से शुरू शारदीय नवरात्र के तहत चूंकि कोलकाता में दुर्गा पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, इसलिए सबसे ज्यादा भीड़ कपड़े, महिला सौंदर्य प्रसाधनों, साज-सज्जा और आभूषणों की दुकानों पर दिखी। महानगर में सुबह से छाए बादल के बाद दोपहर बाद अचानक शुरू बूंदाबांदी की परवाह न करते हुए युवक-युवतियां, महिलाएं और बुजुर्ग टोली में छतरी से बारिश का बचाव करते हुए खरीदारी के लिए सडक़ों पर निकल पड़े। सबसे ज्यादा हुजूम मिनी राजस्थान के नाम से मशहूर बड़ा बाजार में दुकानों पर नजर आया। इसके बाद विधान सरणी, सेंट्रल और महात्मा गांधी रोड में। माता के दरबार की सज्जावट से पहले ही श्रद्धा और भक्ति के साथ चारों ओर लोग मां दुर्गा की भक्ति में डूबे नजर आए। कई स्थानों पर युवक-युवतियों ने धूम-धड़ाके और नाच-गाने के बीच पूजा पांडाल की तैयारियों पर जमकर सेल्फी भी ली। दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है ।दुर्गा पूजा भारतीय राज्यों असम, बिहार, झारखण्ड, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप से मनाया जाता है