अनाथ बच्चों को दिए जाएंगे अजय पीरामल पुरस्कार
कोलकाताPublished: Jun 23, 2018 09:50:16 pm
पुरस्कार की घोषणा से रीफ्यूज के 300 अनाथ और बेसहारे बच्चों में दौड़ी पड़ी खुशी की लहर
अनाथ बच्चों को दिए जाएंगे अजय पीरामल पुरस्कार
पुरस्कार का उद्देश्य पढ़ाई में बच्चों को उत्साहित करना- भरत मेहरा
प्रत्येक साल 36 को ग्यारह हजार और तीन को 51 हजार के पुरस्कार दिए जाएंगे
कोलकाता
कोलकाता के अनाथ और बेसहारे छात्र-छात्राओं को देश के गिनेचुने बड़े औद्योगिक घरानों में शुमार अजय पीरामल समूह नाम से पुरस्कार दिया जाएगा। इसके तहत मेधावी बच्चों को 11 हजार और 51 हजार रुपए की राशी दी जाएगी। राधामीरा ट्रस्ट की ओर से दिया जाने वाले इस पुरस्कार की शुरूआत कोलकाता के सियालदह स्थित बेसहारा अनाथ बच्चों को सहारा देने वाला आवासीय स्कूल रीफ्यूज में पढऩे वाले अनाथ और बेसहारे बच्चों से किया जाएगा। बाद में इसका दायारा बढ़ाया जाएगा।
राधामीरा ट्रस्ट के चेयरमैन भरत जे मेहरा ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उक्त स्कूल के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राधामीरा ट्रस्ट की ओर प्रत्येक महीने पढाई में बेहतर प्रदर्शन करने वाले रीफ्यूज के तीन बच्चों को ग्यारह ग्यारह हजार रुपए के अजय पीरामल पुरस्कार दिया जाएगा। यानि प्रत्येक साल 36 बच्चों को यह पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा इन 36 बच्चों में से अव्वल आने वाले तीन बच्चों को साल में 51 हजार रुपए के अजय पीरामल पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कार की घोषणा होते ही रीफ्यूज के 300 अनाथ और बेसहारे बच्चों में खुशी की लहर चल पड़ी। बच्चों की तालियों से स्कूल का प्रांगण गूंज उठा। राधामीरा ट्रस्ट और बेस्टफ्रेंज सोसाइडी की आर्थिक मदद से आधुनिकीकरण किए गए रसोई घर का उद्घाटन करने के बाद भरत जे मेहरा बच्चों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर चित्रकार वसीम कपूर, बेस्टफ्रेन्डज सोसाइटी के अध्यक्ष राजीव लोढा और रीफ्यूज के ट्रस्टी सदस्य और व्यवसायी रत्नलाल झवर भी उपस्थित थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य है। रीफ्यूज के बच्चे बहुत ही मेधावी है। इन बच्चों को पढ़ाई करने के लिए उत्साहित करने और उनमें प्रतिस्पर्धा लाने के लिए ही उन्होंने यह पुरस्कार देने की घोषणा की। इस पुरस्कार से रीफ्यूज के 300 बच्चे में पढ़ाई के लिए प्रतिस्पर्धा शुरू होगी। अजय पीरामल के नाम से पुरस्कार दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे कुछ भी नहीं करते हैं। वे सिर्फ माध्यम हैं। सब कुछ अजय पीरामल करते हैं। राधामीरा ट्रस्ट भी उनके सहयोग से चलता है। इस लिए उनके नाम से पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।