पार्टी नेताओं के मुताबिक राज्य में उसके प्रभाव की भनक पाकर तृणमूल कांग्रेस सकते में है। पुलिस अधिकारी पार्टी नेताओं के साथ दुव्र्यवहार कर रहे हैं। उन्हें राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर रहने की धमकी दी जा रही है। मालदह में पार्टी से जुड़े मतीउर रहमान को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। पुलिस के मुताबिक, रहमान पर साइबर अपराध और मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए उत्तर बंगाल के कु छ जिला पुलिस कप्तानों को संगठन की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा था।
पार्टी से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने अल्पसंख्यकों से किया गया वादा पूरा नहीं किया। उन्हें १० फीसदी आरक्षण देने, १० हजार मदरसों को सरकारी बनाने का वायदा किया गया था। हाल यह है कि अब तक ३०० मदरसों को ही सरकारी मदरसा बनाया गया है। मदरसों के विकास में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस और वाममोर्चा की तरह की तृणमूल कांग्रेस भी अल्पसंख्यक नेतृत्व पनपते नहीं देख पा रही है। इसलिए कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त किया जा रहा है। पार्टी के ही एक अन्य नेता के मुताबिक राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव बरत रही है। उनका दावा है कि वर्ष 2011 में तृणमूल के सत्ता में आने के बाद, आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 90 लोगों को रिहा कर दिया गया, जिनमें कोई भी मुस्लिम नहीं है। पार्टी नेता कहते हैँ कि राज्य सरकार इमामों को वक्फ फंड से मासिक भत्ते दे रही है। जो सरकारी धन नहीं है।
बताया जाता है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का दायरा बढऩे के बाद कई गुट तैयार हो गए हैं। हालांकि अब तक प्रदेश इकाई तैयार नहीं हुई है। जनवरी 2020 में प्रदेश इकाई के गठन की संभावना है।