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पशु वध रोकने ढांचागत सुविधाएं नहीं

locationकोलकाताPublished: Aug 21, 2018 09:12:36 pm

राज्य सरकार ने मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ में हलफनामा दायर कर बकरीद के मौके पर पशु वध रोकने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।

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पशु वध रोकने ढांचागत सुविधाएं नहीं

– ममता सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा है कि बकरीद के मौके पर पशु वध रोकने के लिए उसके पास ढांचागत सुविधाएं नहीं हैं। राज्य सरकार की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ में हलफनामा दायर कर बकरीद के मौके पर पशु वध रोकने में अपनी असमर्थता व्यक्त की गई है। बकरीद को मौके पर विभिन्न बूचडख़ानों में पशु वध रोकने के लिए राजश्री चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उसी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को बकरीद के मौके पर बूचडख़ानों में पशु वध करने संबंधी कुछ दिशा-निर्देश जारी किया था तथा मीडिया में इस सिलसिले में विज्ञापन देने को कहा था। इसी आदेश के सिलसिले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा गया है कि पशु वध लायक ढांचागत सुविधाएं सरकार के पास नहीं हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि किसी भी पशु का बूचडख़ानों में वध नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि केवल उन्हीं पशुओं का वध किया जा सकेगा जो वध लायक होंगे इसके लिए पशु चिकित्सकों का प्रमाण-पत्र लेना होगा तथा नगर निगम या पालिकाएं के बूचडख़ानों में या स्थानीय प्रशासन से मान्यताप्राप्त बूचडख़ानों में ही पशुओं (गाय, बैल, भैंस आदि) को काटा जा सकेगा। राज्य सरकार की अोर से दायर हलफनामे में कहा गया है किहलफनामे में कहा है कि बकरीद राज्य के कोने-कोने में मनाई जाती है। इसलिए उन्हें रोकने लायक ढांचागत सुविधाएं सरकार के पास नहीं हैं। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि राज्य में पशु चिकित्सकों का अभाव है। सरकार इस दिशा में अगले साल एक कानून लाना चाहती है। इतना कम समय में हाईकोर्ट के आदेश को क्रियान्वित करने लायक सुविधाएं नहीं हैं।
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