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बेनामी सम्पत्ति कानून से डरे नहीं, हौवा नहीं है कानून

locationकोलकाताPublished: Nov 13, 2017 07:59:57 pm

.बेनामी सम्पत्ति कानून हौवा नहीं है। इसे पिछले बार की तुलना में मजबूत बनाया गया है

Benami Property Act

कोलकाता. बेनामी सम्पत्ति कानून हौवा नहीं है। इसे पिछले बार की तुलना में मजबूत बनाया गया है। ताकि गलत काम करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जा सके। व्यूज एक्सचेंज चार्टर्ड एकाउंटेंट्स स्टडी सर्किल-ईआईआरसी की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में रविवार को यह बात विशेषज्ञों ने कही। रविवार के दो सत्रों में बेनामी प्रोपर्टी एक्ट, आयकर में ज्वलंत समस्याओं, रिऑपनिंग ऑफ असेसमेंट एवं स्टॉक मार्केट के गूढ़ पर चर्चा हुई।

प्रथम सत्र की अक्ष्यता सीए के छपडिय़ा ने किया। बेंगालूरु से आए सीएक आरशेखर ने बहुत ही कुशलतापूर्वक आयकर की विभिन्न ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की। मुम्बई से आए सीए प्रदीप कपासी ने बेनामी सम्पत्ति एक्ट पर सिलसिलेवार तरीके से प्रकाश डालकर उसे सरलतापूर्वक समझाया।

उन्होंने बताया कि बेनामी सम्पत्ति एक्ट बहुत पुराना नियम है। वर्ष 1988 में इसे बनाया गया था। वर्तमान में इस एक्ट को संशोधित कर बेनामी ट्रांसेक्शन (प्रोहिवेशन) अमेंडमेंट एक्ट 2016 किया गया। उस दौरान इस एक्ट को पेपर टाइगर नाम दिया गया था लेकिन इस बार यह बहुत कठोर है।

कई संशोधन है। उन्होंने बताया कि इस एक्ट का उल्लंघन करने वाले को सात वर्ष का जेल और कुल सम्पत्ति की वर्तमान मूल्यांकन का 25 फीसदी जुर्माना भरना पड़ेगा। जमानत भी मिलना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता सीए के एम तापडिय़ा ने की। दिल्ली से वकील कपिल गोएल ने धारा 148 एवं 153 के अंतर्गत पिछले कुछ समय में जारी होने वाले नोटिस को किस तरह से निटपाया जाए।

इस पर सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णय के आधार पर सुन्दर विवेचना की। स्टॉक मार्केट पर जानेमाने विशेषज्ञ सीए एसपी तुलस्यान ने वेल्यू इंसेवेटिंग कैसे करें, इस पर साधारण भाषा में समझाया तथा शेयर बाजार पर अपने विचार रखें। दो दिवसीय इस सेमिनार में कुशल भुवानिया, गोपाल राम गुप्ता, आरसी झवर, चंद्र शेखर सारडा, प्रदीप मोदी, प्रियंका छावछरिया सहित कई प्रमुख लोगों का विशेष योगदान रहा।

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