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सारधा जैसा एक और बड़ा घोटाला पश्चिम बंगाल में, निवेशकों को लगाया एक अरब से भी ज्यादा का चूना

locationकोलकाताPublished: Aug 24, 2019 08:39:43 pm

Submitted by:

Krishna Das Parth

मछली व्यवसाय में निवेश का झांसा, निवेशकों से की कई 30 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी-टालीगंज की पुलिस ने 2 को किया गिरफ्तार-अन्य चार की तलाश जारी-ऑल इंडिया फिश मर्चेंट एंड ट्रेडर्स कंपनी के नाम पर लगाया चूना

सारधा जैसा एक और बड़ा घोटाला पश्चिम बंगाल में, निवेशकों को लगाया एक अरब से भी ज्यादा का चूना

सारधा जैसा एक और बड़ा घोटाला पश्चिम बंगाल में, निवेशकों को लगाया एक अरब से भी ज्यादा का चूना

कोलकाता. सारधा जैसा एक और बड़ा घोटाला पश्चिम बंगाल में हुआ है। एक कंपनी ने मछली व्यवसाय में निवेश करने का झांसा देकर एक अरब से भी ज्यादा रुपए का चूना लगाया है। इस सिलसिले में फिलहाल दो की गिरफ्तारी हुई है। अन्य चार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
बड़े रिटर्न का प्रलोभन देकर मछली व्यवसाय में निवेश करने के नाम पर निवेशकों के साथ 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का एक मामला प्रकाश में आया है। टॉलीगंज थाने की पुलिस ने इस आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि डेढ़ साल में लगभग 30 करोड़ से अधिक रुपए निवेशकों से वसूले गए हैं। गिरफ्तार किए गए दो लोगों के अलावा अन्य और चार लोग भी इस घटना में शामिल हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
पुलिस ने बताया कि फर्जी कंपनी ‘ऑल इंडिया फिश मर्चेंट एंड ट्रेडर्स कंपनी’ के खिलाफ कोलकाता के विभिन्न जिलों में 18 शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है। इनमें से 9 शिकायतें कोलकाता पुलिस को विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कराई गई है। 7 जुलाई को टालीगंज पुलिस स्टेशन में 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की एक शिकायत दर्ज सबसे पहले कराई गई। पुलिस ने उस मामले में दो व्यक्तियों सौमदीप रायचौधरी और पुलक सिन्हा को साल्टलेक से गिरफ्तार किया है। पीडि़तों में से एक दमदम का निवासी है और दूसरा तेघरिया का निवासी है।
पुलिस का कहना है कि मछली कारोबार में निवेश के नाम पर सारधा और सुमंगल जैसे चिटफंड कंपनियों की तरह इस धंधे में भी लोगों को ठगा जा रहा था। मछली व्यवसाय में निवेश करने और उससे अधिक से अधिक रिर्टन पाने से लिए निवेशकों को लुभाया गया था। जालसाजों ने वादा किया कि व्यापार में निवेश करने से कम समय में अधिक रिटर्न मिलेगा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह वादा किया जाता था कि निवेश पर प्रति माह 12 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा। नतीजतन, कई लोग मुनाफा कमाने के लिए कंपनी में पैसा लगा दिए थे। जांच में पता चला कि जमाकर्ताओं को आकर्षित करने और उनका विश्वास हासिल करने के लिए कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिया गया था।
जांचकर्ताओं को पता चला है कि कम से कम 10 मिलियन रुपए बाजार से डेढ़ साल में एकत्रित किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है।
जमाकर्ताओं ने निवेश की अवधि समाप्त होने के बाद कोई ब्याज नहीं मिलने पर थाने में शिकायत दर्ज करनी शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कई शिकायत मिलने के बाद आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने गुरुवार को गुप्त सूचना के आधार पर दो को साल्टलेक से गिरफ्तार किया। पुलिस को पता चला है कि अन्य और चार आरोपी दमदम से सटे इलाके के निवासी हैं। दोनों आरोपियों को शुक्रवार को अलीपुर अदालत में पेश किया गया। उस समय कुछ शिकायतकर्ता अदालत परिसर में मौजूद थे। अदालत ने दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया है। पुलिस अन्य आरोपियों को पकडऩे की कोशिश कर रही है।

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