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जयश्री राम मसले पर यह क्या बोल गईं अपर्णा सेन

locationकोलकाताPublished: Jun 04, 2019 10:48:47 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

खोद रहीं है अपनी कब्र
धर्म और राजनीति के मिश्रण पर जताई चिंता
कहा गुस्से पर नियंत्रण करना सीखें

aparna sen

जयश्री राम मसले पर यह क्या बोल गईं अपर्णा सेन

कोलकाता. पद्मश्री से सम्मानित फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन ने कहा कि ममता बनर्जी के व्यवहार से उनके मतदाता उनके खिलाफ हो जाएंगे। जय श्रीराम नारे को लेकर ममता की तल्ख प्रतिक्रियाएं उनकी राजनीतिक कब्र खोद सकती हैं। सेन ने धर्म और राजनीति व राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को मिलाए जाने पर भी चिंता जाहिर की। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विरोध स्वरूप उभरे भाजपा के नारे “जय श्री राम” पर, अपर्णा सेन ने कहा कि राजनीति और धर्म को पूरी तरह से अलग रखा जाना चाहिए। जब कभी दोनों को मिलाने की कोशिश शुरू होती है तो समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
उन्होंने कहा, कि हमारा देश लोकतांत्रिक है। यहां सभी लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। अगर लोग जय श्रीराम, अल्लाह हू अकबर या जय मा काली का जाप करते हैं तो आप उन्हें रोक नहीं सकते।
लेकिन समस्या सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नारे पर प्रतिक्रिया से है। जानी मानी अभिनेत्री सेन ने कहा कि जिस तरह से राज्य की मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी से नीचे उतरकर नारे लगाने वालों को रोकने की कोशिश कर देखती गई हैं और जिस भाषा का उन्होंने इस्तेमाल किया, वह उन्हें पसंद नहीं है। ऐसा नहीं है कि राज्य में कुछ अच्छा काम नहीं हुआ है। लेकिन उन्हें लगता है कि राज्य की मुख्यमंत्री बहुत आवेगी है। वह कुछ भी करने से पहले नहीं सोचती। यदि वह लंबे समय तक बंगाल की मुख्यमंत्री रहने का लक्ष्य रखती है, तो उन्हें अपने गुस्से और आवेग को नियंत्रित करने का अभ्यास शुरू करना होगा। उन्हें अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना होगा। उन्हें पहले यह सोचना होगा और फिर कहना होगा कि क्या कहना है। राज्य के बुद्धिजीवि समाज के साथ कई बार सडक़ों पर उतरकर आंदोलन कर चुकीं सेन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सलाह दी कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे अमित मित्रा, सौगत रॉय से सलाह ले सकती हैं। उन्हें कभी भी समस्या सिर पर मोल नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग अपनी मुख्यमंत्री को इस तरह का व्यवहार करते देखना पसंद नहीं कर रहें हैं । यदि वे ऐसा ही करती रहेंगी तो वह अपनी कब्र खोदना जैसा होगा।
विधानसभा चुनाव में तृणमूल सुप्रीमो को कड़ी चुनौती
दो वर्ष बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सेन ने कहा कि विधानसभा चुनावों में तृणमूल सुप्रीमो को कड़ी चुनौती मिलने वाली है। शहरों का सभ्य व अभिजात्य मध्यम वर्गीय समाज भाजपा का समर्थक बन चुका है। उन्हें इस बात का यकीन है कि नरेंद्र मोदी देश की जनता को आगे लाने का वास्तविक प्रयास करेंगे। इस देश में बहुत से चीजें सही हैं, लेकिन हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद को एक तराजू पर रखने के मूल विचार, राष्ट्रवाद का सावरकर ब्रांड उन्हें चिंतित करता है। वे गांधी के बहुलतावाद के साथ खुश रहती हैं।

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