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असहायों का निवाला बन गई ‘अपनी रोटी’

locationकोलकाताPublished: Jun 15, 2019 03:55:26 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बगैर किसी सरकारी या गैर-सरकारी मदद 1 दिन में 2 हजार रोटी का निशुल्क वितरण—जरूरतमंदों को मुफ्त रोटियां बांट रही अपनी रोटी—- राजस्थान के झुंझनू के तारानगर के मूल निवासी और पिछले 10 साल से अधिक समय से कोलकाता में निवासरत चेयरमैन विकास अग्रवाल—–साप्ताहिक स्टोरी

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असहायों का निवाला बन गई ‘अपनी रोटी’

कोलकाता (शिशिर शरण राही). एक दिन में 1500 से 2 हजार रोटी का निशुल्क वितरण बगैर किसी स्वार्थ और बिना किसी सरकारी या गैर-सरकारी संस्था की मदद के। रजिस्टर्ड एनजीओ शिवोहम बालाजी सेवा ट्रस्ट की चेयरमैन कृष्णादेवी अग्रवाल और उनके पुत्र विकास अग्रवाल के नेतृत्व में संचालित ‘अपनी रोटी’ एक गैर-सरकारी संगठन है, जो पूरे कोलकाता में जरूरतमंदों को मुफ्त में रोटी बांटती है। जरूरतमंदों, निराश्रितों के उत्थान के लिए काम करने वाली ‘अपनी रोटी’ इसी साल जनवरी से शुरू हुई, जिसका ध्येय वाक्य है——अपनी रोटी-खुशियां बांटते चलो। आज इस संस्था के पास खुद की मोबाइल फूड वैन है जो जरूरतमंदों को मुफ्त रोटियां बांटती है। वैन के अंदर एक स्वचालित मशीन लगाई गई है, जिससे 1 घंटे में 800 से 900 के करीब फ्रेश और टेस्टी रोटी बनकर तैयार होती है। राजस्थान के झुंझनू के तारानगर के मूल निवासी और पिछले 10 साल से भी अधिक समय से कोलकाता में निवासरत चेयरमैन विकास अग्रवाल ने बताया कि ‘अपनी रोटी’ शुरू करने का मुख्य लक्ष्य उनका फ्रेश और स्वास्थ्यकर भोजन जरूरतमंदों को उपलब्ध कराना था। विकास ने बताया कि वैसे तो महानगर में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं निर्धनों , असहायों को निशुल्क भोजन की व्यवस्था समय-समय पर करती रहती है पर उनका उद्द्ेश्य लीक से अलग हटकर कुछ करना था।
उनका कहना है कि बिना किसी सरकारी मदद के खुद के दम पर यह सेवा वे उपलब्ध करा रहे। हमारा उद्देश्य है कि हर रोज, हर घंटे, एक समय में एक भूखे और जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाए। अभी तक करीब 2 लाख लोगों को रोटी फ्री दी जा चुकी है। करीब 200 वॉलेन्टियर्स सप्ताह में 5 दिन ‘अपनी रोटी’ की सेवा महानगर के विभिन्न इलाकों में उपलब्ध कराते हैं। रोटी के साथ ही अचार, तो कभी-कभी मिठाई भी फ्री वितरित की जाती है। अभी तक लेकटाउन, सियालदह, बेलियाघाटा, उल्टाडांगा, काकुडग़ाछी, तोपसिया, पार्क सर्कस, दक्षिणेश्वर, कालीघाट, चेतला, खिदिरपुर आदि स्थानों में बेसहारों को भोजन उपलब्ध कराया जा चुका है। सामान्यतौर पर दोपहर के बाद ही भोजन कराया जाता है। एक दिन में एक व्यक्ति को 3 से 4 रोटी जी जाती है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों और कुछ सरकारी स्कूलों में भी ‘अपनी रोटी’ के वैन का दौरा हो चुका है। हाल ही 9 जून को रानीरासमणि गार्डेन लेन, टेंगडा पगला बाबा मंदिर के समीप शाम 3 बजे रोटी वितरित की गई थी। उन्होंने कहा कि 2017 में शिवोहम बालाजी सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में झारखंड के बाबा वैद्यनाथ धाम में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की सेवा की गई थी।

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