AAYAMBIL-ANUSHTHAAN: साध्वी स्वर्ण रेखा के सान्निध्य में सामूहिक आयम्बिल अनुष्ठान
कोलकाताPublished: Aug 19, 2019 05:18:22 pm
साउथ कलकत्ता सभा में श्रद्धालुओं को साध्वी ने किया संबोधित
AAYAMBIL-ANUSHTHAAN: साध्वी स्वर्ण रेखा के सान्निध्य में सामूहिक आयम्बिल अनुष्ठान
कोलकाता. आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी स्वर्ण रेखा के सान्निध्य में सामूहिक आयम्बिल अनुष्ठान साउथ कलकत्ता सभा में आयोजित हुआ। साध्वी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का आरंभ और अवसान शान्ति के साथ करने के लिए शाक्ति की आवश्यकता होती है। जैन धर्म में जप-संयम-तप शक्ति है। तपस्या से व्यक्ति शरीर को ही कांचनवत् नहीं करता मन भी स्वर्ण की भांति कान्तिमय बन जाता है। तप के विविध उपक्रमों में आयाम्बिल भी इन्द्रिय जयी तप है। रसना पर विजय प्राप्त कर जो व्यक्ति इसकी सादना करता है वह अनेकानेक दुविधाओं, कष्टों से स्वयं को उबार लेता है। कर्म शरीर को कृश करने के लिए निर्जरा से कर्म को आडऩे के लिए इस लक्ष्य से किया गया तप सर्वश्रेष्ठ एवं सुन्दर होता है। साध्वी के सान्निध्य में सामूहिक आयाम्बिल 150 तथा व्यक्तिगत आयाम्बिल करने वालों की संख्या 300 थी। साध्वीश्री की प्रेरणा से तप की लड़ी आगे बढ़ती हुई विमला बोथरा-9, खुशबु ने पखवाड़ा, निश्छल रांका ने 11 का प्रत्याख्यान किया। सामूहिक आयाम्बिल के प्रयोजक विमल, मंजू दुगड़ थी। आचार्य तुलसी की मासिक तीज के मौके पर साध्वी स्वर्णरेखा के सान्निध्य में साउथसभा पदोपुकुर में सामूहिक आयम्बिल तप का अनुष्ठान हुआ। साध्वी श्रीजी ने मंत्रों का जाप करा कर आयम्बिल का पचकान कराया। साउथ सभा महिला मंडल अध्यक्ष संगीता सेखानी, मंत्री बिंदु डागा सहित उनकी टीम की देखरेख में आयम्बिल किए गए। पूर्वांचल महिला मंडल अध्यक्ष अंजू दूगड़ आदि ने भी आयम्बिल किया।