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कोलकाता

पत्रिका एक्सक्लूसिव: विवादित ढांचे पर भगवा फहराने वाले 2 भाइयों को किसके आदेश पर मारी गोली? जानिए यहां

Ayodhya verdict: Happiest day for us, told family member–कारसेवा में मारे गए रामकुमार-शरद के परिजनों को इंसाफ की आस, ताऊ दाऊलाल बोले, दोनों की हत्या के कसूरवार को कब सुनाई जाएगी सजा, हत्यारे को सजा कब मिलेगी? इसका इंतजार २९ साल से परिजनों को, पत्रिका टीवी से खास इंटरव्यू , अयोध्या से जुड़े संस्मरणों को बयां किया

कोलकाताNov 15, 2019 / 10:56 pm

Shishir Sharan Rahi

पत्रिका एक्सक्लूसिव: विवादित ढांचे पर भगवा फहराने वाले 2 भाइयों को किसके आदेश पर मारी गोली? जानिए यहां

पत्रिका एक्सक्लूसिव: विवादित ढांचे पर भगवा फहराने वाले 2 भाइयों को किसके आदेश पर मारी गोली? जानिए यहां

कोलकाता. अयोध्या में 1990 में विवादित ढांचे पर भगवा फहराने वाले 2 भाइयों को आखिर किसके आदेश पर गोली मारी गई? कारसेवा में मारे गए कोलकाता के रामकुमार और शरद कोठारी के ताऊ दाऊलाल कोठारी ने पत्रिका से खास इंटरव्यू में यह सवाल उठाया। दाऊलाल ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर खुशी तो बहुत है, लेकिन बाबरी ढांचे पर पहली बार पर भगवा फहराने वाले रामकुमार और शरद कोठारी के हत्यारे को सजा कब मिलेगी? इसका इंतजार पिछले 29 साल से परिजनों को है। अयोध्या में 29 साल पहले 1990 में कारसेवा के दौरान मारे गए कोलकाता के बड़ाबाजार निवासी प्रवासी राजस्थानी 2 भाइयों रामकुमार कोठारी (21) और शरद कोठारी (20) के ताऊ दाऊलाल कोठारी ने राजस्थान पत्रिका संवाददाता से विशेष बातचीत में भावुक शब्दों में यह बात कही। जीवन के 82 वसंत देख चुके दाऊलाल उम्र के इस पड़ाव के बावजूद सीढिय़ां चढक़र पत्रिका कार्यालय आए और सवालों के बेबाक जवाब देते हुए अयोध्या से जुड़े अपने संस्मरणों को बयां किया।
बलिदान व्यर्थ नहीं गया
मूल रूप से बीकानेर निवासी दाऊलाल ने कोलकाता को अपनी जन्म और कर्मभूमि बताया। वर्तमान में महानगर के तेघडिय़ा में भरे-पूरे परिवार के साथ निवासरत दाऊलाल ने सवालों के जवाब में कहा कि रामकुमार और शरद का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूरा परिवार बहुत खुश है और हमने न्याय के लिए 29 साल इंतजार किया। राम मंदिर पर तो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया पर दोनों की हत्या के जो कसूरवार हैं उन्हें कब सजा सुनाई जाएगी? दाऊलाल ने दुख और क्षोभ जताते हुए कहा कि जब पुलिस ने गोली चलाने से साफ इंकार कर दिया था, तो फिर आखिर किसके आदेश पर किसने और पुलिस ड्रेस में रामकुमार और शरद को गोली मारी? उस समय विवादित स्थल के चारों तरफ और अयोध्या शहर में यूपी पीएसी के 30 हजार जवान तैनात थे। कारसेवक विवादित ढांचे के गुंबद पर चढ़े और दोनों ने भगवा फहराया जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग की। जब पुलिस ने गोली चलाई तो दोनों लाल कोठी वाली गली के एक घर में छिपे लेकिन थोड़ी देर बाद जब बाहर निकले तो फायरिंग का शिकार हो गए।

रवीन्द्र गीतों का उसी स्वर में हिन्दी में अनुवाद
दाऊलाल ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के चयनित रवीन्द्र गीतों का समस्वर हिन्दी गीतान्तर भी किया है, जिसे मन्ना-डे, अनूप जलोटा सहित कई मनशहूर फनकारों ने आवाज दी है। पिछले 30 साल से वे रवीन्द्र गीतों का उसी स्वर में हिन्दी भाषा में अनुवाद कर रहे हैं। रवीन्द्र गीतों के हिन्दी गीतान्तर के लिए दाऊलाल को अनेकों पुरस्कार से नवाजा भी जा चुका है। न केवल कोलकाता, जयपुर बल्कि अमेरिका तक भी दाऊलाल जाकर कई प्रोग्रामों में शिरकत कर चुके हैं।
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