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बागड़ी मार्केट अग्निकाण्ड: ताजा हुई नंदराम मार्केट की यादें

locationकोलकाताPublished: Sep 16, 2018 10:57:04 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

पूर्वी भारत का प्रसिद्ध वृहत्तर बड़ाबाजार के निकट बागड़ी मार्केट स्थित इमारत में रविवार तडक़े लगी भीषण आग ने एक बार फिर यहां के व्यवसाइयों को झकझोर दिया है।

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बागड़ी मार्केट अग्निकाण्ड: ताजा हुई नंदराम मार्केट की यादें

– 2008 में 100 घंटे तक धधकता रहा बड़ाबाजार का प्रसिद्ध मार्केट
कोलकाता.

पूर्वी भारत का प्रसिद्ध वृहत्तर बड़ाबाजार के निकट बागड़ी मार्केट स्थित इमारत में रविवार तडक़े लगी भीषण आग ने एक बार फिर यहां के व्यवसाइयों को झकझोर दिया है। भीषण आग पर काबू पाने के लिए दमकल की कम से कम 30 गाडिय़ां मौके पर डटी हुई है। फायर फाइटर्स की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बागड़ी मार्केट की आग ने 12 जनवरी 2008 को स्थानीय नंदराम मार्केट में लगी आग की याद ताजा कर दी है। करीब 100 घंटे तक नंदराम मार्केट धधकता रहा और कारोबारी अपने उजड़ते आसियाने को देखते रहे। बागड़ी मार्केट अग्निकाण्ड भी उक्त घटने की पुनरावृत्ति के समान है। कोलकाता के विभिन्न इमारतों में जब-जब अग्निकाण्ड की घटना हुई, तब-तब प्रशासनिक विफलता के साथ-साथ
इमारतों में फायर फायटिंग के नियमों की अनदेखी तथा फायर लाइसेंस नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं। बागड़ी मार्केट अग्निकाण्ड में भी प्रशासनिक औपचारिकताएं उसी राह चलेगी। राजनीतिक पार्टियां अग्निकाण्ड को लेकर राजनीतिक रोटियां सेकने के मूड में हैं।
नंदराम से सबक नहीं ली सरकार-
बागड़ी मार्केट अग्निकाण्ड के पीडि़तों की गाथा सुन रोंगटे खड़े हो गए। आंखों के सामने अपनी दुकानें जलते देख व्यवसाइयों की गुस्सा चरम पर रहा। पीडि़तों की भीड़ से आवाज सुनने को मिली कि अब हम जाएं तो जाएं कहां? दीदी (मुख्यमंत्री)तो बोलकर ही अपना पल्ला झाड़ लिया। अब हम क्या करें? राज्य सरकार बड़ाबाजार के नंदराम मार्केट अग्निकांड से सबक नहीं ली। कलकत्ता का नाम देश के महानगरों की सूची में सुमार है। महानगर के इमारत में लगी आग पर काबू पाने में घंटों लगेंगे।
कोलकाता में भीषण अग्निकाण्ड पर एक नजर-
-1987
कैनिंग स्ट्रीट के 56 नंबर इमारत में आग लगी थी। जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे। आग पर काबू पाने में दमकल को कई घंटे तक मशक्कत करना पड़ा था।

-12 जनवरी 2008
वृहत्तर बड़ाबाजार के नंदराम मार्केट के 13 वें मंजिल पर आग लगी। देखते ही देखते पूरा मार्केट खाक हो गया। करीब 4 दिनों तक आग जलती ही रह गई। घना इलाका होने के कारण दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में मशक्कत करनी पड़ी।
-मार्च 2010
पार्क स्ट्रीट स्थित स्टीफन कोर्ट के लिफ्ट में बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगी। देखते ही देखते आग फैल गई। लिफ्ट फंस गई। बिल्डिंग में रहने वाले लोग सीढिय़ों से नहीं उतर पाए। 5 वें और छठवें तल्ले पर काफी लोग फंसे रहे। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 40 गाडिय़ां घटनास्थल पर डटी रही। अग्निकाण्ड में 43 लोगों की जानें गई थी।
-9 दिसम्बर 2011
जाड़े के मौसम की सुबह ढाकुरिया स्थित आमरी अस्पताल में आग लगी। आग की खबर ना फैले इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने खुद आग पर काबू पाने का विफल प्रयास किया। परिस्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई। अस्पताल में दम घुंट कर 89 मरीजों की मौत हो गई।
– 27 फरवरी 2013

सियादह के बैठक खाना इलाके में भयावह आग लगी थी। आग में झुलस कर 20 लोगों की मौत हो गई थी। 10 लोग जख्मी हउए थे।

– 2 सितम्बर 2014
पार्क स्ट्रीट इलाका स्थित चटर्जी इंटरनेशल ब्लिङ्क्षडग में आग लगी थी। कई लोग इमारत में फंसे गए थे। हालांकि उन्हें सुक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
– 18 मई 2015

न्यू मार्केट में भयावह आग लगी थी। 12 दमकलों की मदद से आग पर काबू पाया गया था।

-22 जनवरी 2018

कोलकाता से सटे दमदम कैन्टोंमेन्ट स्थित गोराबाजार में आग लगी। 2 लोग जिंदा जल मरे। दमकल की 20 गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका। कुल 500 दुकानों में करीब 150 दुकानें जल कर राख हो गई।

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