इस मौके पर सुरेन्द्र चोरडिय़ा ने कहा कि हमें खुशी है कि हम एसोसिएशन के ५० साल मना रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी हम और उपलब्धि हासिल करते हुए ऐसे और समारोह मनाएंगे। भारतीय बियरिंग बाजार करीब ९५ बिलियन रुपए का है। खपत के मामले में करीब ६० फीसदी जरूरतें घरेलू उत्पादन से पूरी की जाती हैं, बाकी आयात करके। पूर्वी भारत में बियरिंग खपत वाले प्रमुख क्षेत्र खनन, स्टील, रेलवे तथा ऊर्जा है। मौके पर धर्मेश अरोड़ा ने कहा कि देश के पूर्वी भारत में आर्थिक गतिविधियों में एसोसिएशन सहायक है। संजय कौल ने कहा कि ढांचागत बदलाव तेजी से हो रहे हैं, यदि आप बदलाव को अपनाते नहीं हैं तो आप विकास नहीं कर सकेंगे। हम ५० साल से बचे हैं, क्योंकि हमने बदलाव को स्वीकार किया। ईस्टर्न इंडिया बाल बियरिंग मर्चेन्ट एसोसिएशन के करीब ५०० सदस्य हैं जो पूर्वी भारत के राज्यों में बियरिंग व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं।