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महानगर में मौत बनकर सिरों पर झूल रहे बांस

locationकोलकाताPublished: Nov 02, 2018 10:56:44 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

महानगर में पूजा के नाम पर बांसों का मकडज़ाल, दे रहे हादसों को न्योता—कहीं ट्रांसफॉर्मर, तो कहीं बिजली मीटर में बांस की बल्लियों का बोलबाला—-धार्मिक आस्था के नाम पर उड़ रही नियम-कानून की धज्जियां—-पत्रिका एक्सपोज

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महानगर में मौत बनकर सिरों पर झूल रहे बांस

कोलकाता. देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे अधिक प्राचीन घास बांस शब्द की उत्पत्ति कन्नड़ के बाम्बू से हुई, जिसे इंडोनेशियाई और मलय के माध्यम से अंग्रेजी में पेश किया गया था। दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया में आर्थिक-सांस्कृतिक महत्व वाला यह बांस आजकल सिटी ऑफ ज्वॉय के नाम से मशहूर कोलकाता महानगर में मौत बनकर सिरों पर झूल रहा है। महानगर में पूजा के नाम पर मकडज़ाल बन चुके बांस से अछूता शायद ही कोई ऐसा इलाका है। पहले दुर्गा पूजा और अब 07 नवबंर की दिवाली से पहले ही इन दिनों विविध पूजा के नाम पर कहीं ट्रांसफॉर्मर, तो कहीं बिजली मीटर बांस पर बांस की बल्लियों का बोलबाला है। इसके साथ ही महानगर के अनेक स्थानों पर सडक़ों पर फैले बांस हरदम हादसों को न्योता दे रहे हैं। धार्मिक आस्था के नाम पर पूजा आयोजकों की ओर से खुलेआम हाई कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर और नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए संवेदनशील स्थानों पर बिजली मीटर बॉक्स, ट्रॉसफॉर्मर जैसे खतरनाक उपकरणों के सहारे बांस लगाकर पंडाल बनाए जा रहे हैं। महानगर में कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां बिजली पोल सहित घरों से सटे बांस की बल्लियों को सजाकर बनाए गए पंडाल और बांस घरों, दुकानों लटके तार मौत बनकर झूल रहे हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका भी बराबर बनी हुई है। राजा राममोहन राय सरणी, बिपिन बिहारी गांगुली स्ट्रीट, बहू बाजार, एमजी रोड, अम्हस्र्ट स्ट्रीट से लेकर सेंट्रल एवेन्यू तक यह नजारा है। इससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। जर्जर केबल-टेलीफोन और बिजली के तार बांस के सहारे आवागमन के रास्तों और मकान की छतों से मौत बनकर लोगों के सिरों पर झूल रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी अपनी आंखे मूंदे हैं। सबसे चिंताजनक हालत कोलकाता के मिनी राजस्थान बड़ाबाजार क्षेत्र की है, जहां सडक़ों पर अतिक्रमण कर बांस की बल्लियां फैला दी गई हैं। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर अम्हस्र्ट स्ट्रीट मोड़ के एक व्यवसायी और दुकानदार ने पत्रिका संवादाता को शुक्रवार को बताया कि अभी हाल ही 31 अक्टूबर को राजा राममोहन राय सरणी में एक सरकारी बैंक के एटीएम के ठीक सामने स्थित बिजली मीटर बॉक्स के ऊपर लगाए बांस की बल्लियों के कारण बड़ी अनहोनी होते-होते उस समय बच गई जब अनेक घरों में अचानक लो वोल्टेज समस्या का सामना उपभोक्ताओं को करना पड़ा। उसने कहा कि जरा भी शॉर्ट सर्किंट हुई या फिर तेज हवा चली, तो कब कोई बड़ा हादसा हो जाएकुछ नहीं कहा जा सकता। इसके बावजूद न तो सीईएससी, केएमसी और न ही कोई जनप्रतिनिधि इस संबंध में कोई पहल कर रहे और संभावित अनहोनी के प्रति आंख मूंदे हुए हैं। सडक़ पर फैले अक्सर बांस की बल्लियों और बांस के पोल से टकराकर वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। संबंधित विभाग के आला अधिकारियों से कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया।
—पहले हो चुका है बांस से हादसा
पिछले साल 29 अगस्त की देर रात नॉर्थ पोर्ट इलाके के बाजाकदमताल घाट पर गणपति प्रतिमा विसर्जन के दौरान करंट से 3 लोग जान गंवा बैठे थे और 7 अन्य घायल हुए थे। हादसा उस समय हुआ था जब गणेश प्रतिमा को लेकर पूजा कमेटी के सदस्य बाजा कदमतल्ला घाट के निकट रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, तभी क्लब के एक सदस्य ने भीगे बांस से रेलवे के ओवरहेड हाइटेंशन तार को और ऊपर करने की कोशिश की। जोरदार आवाज के साथ बिजली की चिंगारी की चपेट में 10 जने आ गए थे।
—-उधर बोलीं पार्षद, मिली है इजाजत
वार्ड-40 की पार्षद स्वपना दास ने बताया कि इन स्थानों में बरसों से काली पूजा सहित अन्य धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं। ये इलाके हेरिटेज की श्रेणी में हैं और यहां के निवासी उमंग-उत्साह से आयोजन में भाग लेते हैं। कोलकाता पुलिस और केएमसी से पूजा आयोजकों को इजाजत मिली हुई है। आजतक कभी भी कोई अनहोनी नहीं हुई और पूजा आयोजक इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि किसी आम नागरिक को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
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